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________________ २३० भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ वार्षिक मेला यहां प्रतिवर्ष दिसम्बरमें तीन दिनके लिए वार्षिक मेला भी भरता है। इसमें जैन और जेनेतर समाज पर्याप्त संख्यामें आकर सम्मिलित होती है। इस तीर्थ क्षेत्रको प्रकाशमें लानेका सम्पूर्ण श्रेय ब्र. कल्याणदास सिहोरावालोंको है। मन्दिर निर्माणका कार्य भगवान् महावीरके २५००वें निर्वाण महोत्सव वर्षमें प्रारम्भ होकर पूर्ण होने जा रहा है। क्षेत्रको व्यवस्थाके लिए श्री जयकुमार एडवोकेट, श्री धरमचन्द, प्रो. सुरेन्द्र रीठीवाला, सिहोराका कार्य सराहनीय है। मन्दिरके चारों तरफकी जमीन खरीद ली गयी है । अब प्राचीन मूर्ति संग्रहालय, स्वाध्यायभवन, ब्रह्मचर्याश्रम तथा विशाल धर्मशालाका निर्माण शीघ्र ही प्रारम्भ करनेकी योजना है। आवागमनके साधन जबलपुर-कटनीके बीच सिहोरा रोड स्टेशनसे प्रतिदिन ६ बसें जाने-आनेको मिलती हैं। बीना-कटनी लाइनपर सलैया स्टेशन उतरकर बस द्वारा यात्राके साधन उपलब्ध हैं। प्रतिवर्ष हजारों यात्री क्षेत्रपर जाते हैं। सम्पूर्ण ग्रामको जनसंख्या ३५०० है। ग्राममें थाना, विकासखण्ड, जनपद, राइसमिल, अस्पताल, हाईस्कूल आदि सभी आवश्यक कार्यालय हैं। सिहोरा, बाकल, रीठी.तिवरीको जैन समाज द्वारा यहाँकी व्यवस्था तथा निर्माण कार्योंकी देखरेख की जाती है। किसी प्रकारका कोई झगड़ा तीर्थ क्षेत्रके विषयमें नहीं है। मन्दिरके द्वार जैन-अजैन सभोके लिए खुले हैं । भविष्यमें इस क्षेत्रकी उन्नति एवं प्रगति सम्भावनीय है।
SR No.090098
Book TitleBharat ke Digambar Jain Tirth Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1976
Total Pages440
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Pilgrimage, & History
File Size19 MB
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