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प्रस्तुति
'भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ' ग्रन्थमालाका यह दूसरा भाग पहले भागकी ही भाँति भगवान् महावीरके निर्वाण महोत्सवकी स्मृतिमें समर्पित है। ग्रन्थमालाकी पूरी योजना इन दो भागोंसे आगेके तीन भागोंके प्रकाशनोपरान्त पूर्ण होगी।
जैसा कि इन दो भागोंसे स्पष्ट होगा, तीर्थोके वर्णनमें पौराणिक, ऐतिहासिक और स्थापत्य एवं कलापरक सामग्रीका संयोजन बड़े परिश्रम और सूझ-बूझसे किया गया है। पण्डित बलभद्रजीका इस कार्यमें व्यापक अनुभव है । सामग्रीको सर्वांगीण बनानेकी दिशामें जो भी सम्भव था, कमेटीके साधन, ज्ञानपीठका निर्देशन एवं श्री साह शान्तिप्रसादजीका मार्गदर्शन व प्रेरणा पण्डितजीको उपलब्ध रही है। भारतीय शानपीठकी ओरसे सामग्रीका न केवल सम्पादकीय नियमन हुआ है अपितु सारे मानचित्रोंका निर्माण प्रथम बार कराया गया है। तीर्थक्षेत्र कमेटीने यात्राओंके नियोजन, सामग्री-संकलन, सम्पादन, लेखन तथा फोटोग्राफ्स प्राप्त कराने, मानचित्र बनवाने और ग्रन्थमालाको प्रकाशित करने में पर्याप्त धन व्यय किया है। इस सारी सामग्रीपर और इसके प्रकाशनपर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटीका सम्पूर्ण अधिकार है ।
सामग्री संकलनपर जो धनराशि व्यय हई है उसके अतिरिक्त कागज, छपाई, जिल्दबन्दी आदि की दरें उत्तरोत्तर बढ़ती गयी है। फिर भी कमेटीने इस ग्रन्थमालाको सर्व-सुलभ बनानेकी दृष्टिसे केवल लागत मूल्यके आधारपर दाम रखनेका निर्णय किया है। भारतीय ज्ञानपीठका व्यवस्था-सम्बन्धी जो व्यय हुआ है, और जो साधन-सुविधाएँ इस कार्यके लिए उपलब्ध की गयी हैं, उनका समावेश इस व्यय-राशिमें नहीं किया गया है । भाग १ की तरह इस भागकी भी जनपद सम्बन्धी कुछ प्रतियां अलग-अलग छपायी गयी हैं ताकि सम्बन्धित तीर्थक्षेत्र उतने ही अंशकी प्रतियाँ भी प्राप्त कर सकें।
तीर्थक्षेत्र कमेटी तथा भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा नियोजित की गयी पं. बलभद्रजीकी यात्राओंके अवसरपर तीर्थोंके मन्त्रियों और प्रबन्धकोंसे जो लेखन-सामग्री या सूचनाएं उपलब्ध हुईं तथा जो सहयोग प्राप्त हुआ उसके लिए हम अपना हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।
हमारा विश्वास है कि यह प्रकाशन पर्याप्त उपयोगी, सुन्दर, ज्ञानवर्धक और तीर्थ-वन्दनाके लिए प्रेरणादायक माना जायेगा।
पूरा प्रयत्न करनेपर भी त्रुटियां रह जाना सम्भव है। अतः इस ग्रन्थके सम्बन्धमें सुझावों और संशोधनोंका हम स्वागत करेंगे।
लक्ष्मीचन्द्र जैन मन्त्री भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली १० अप्रैल, १९७५
चन्दुलाल कस्तूरचन्द
महामन्त्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, बम्बई ,