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भारतके दिगम्बर जैन तीर्थ स्थापना कालसे ही है। नये मन्दिरके समान इसकी वेदी भी तीन कटनीवाली है। उसमें गन्धकुटी बनी हुई है जहाँ कमलासनपर भगवान् आदिनाथकी कृष्ण पाषाणकी पालिशदार पद्मासन पौने दो फुट अवगाहनावाली प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमाके पादपीठपर लेख भी है, जिसके अनुसार इसकी प्रतिष्ठा संवत् १२५३ (सन् ११९६ ) में वैशाख शुक्ला ५ सोमवारको की गयी. थी। कुल ५ वेदियाँ हैं।
मन्दिरके सामने छोटा दिगम्बर जैन मन्दिर है। इसमें ६ वेदियाँ हैं। यहाँ पद्मावती देवी की मूर्ति बहुत भव्य है और उसकी बहुत मान्यता है ।
यह मन्दिर जिस भवनमें है, उसमें नीचे आ. नमिसागर जैन पारमार्थिक औषधालय है तथा ऊपर दो मंजिलोंमें त्यागी भवन है।
मन्दिरके सामने ही जैन हायर सेकेण्डरी स्कूल है।