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५. नन्दीश्वर द्वीप
अष्टम द्वीप नन्दीश्वर द्वीप हैं। उसका कल विस्तार १६३८४०,००० योजन प्रमाण है। इसके बहुमध्य भाग में पूर्व दिशा की ओर काले रंग का एक-एक अजनगिरि पर्वत है। अंजनगिरि के चारों तरफ १०००,०० योजन छोड़कर ४ वापियाँ है। चारों वापियों का भीतरी अन्तराल ६५०४५ योजन हैं और बाह्य अन्तर २२३६६१ योजन है। प्रत्येक वापी की चारों विशामों में अशोक, सप्तच्छद, चम्पक पोर ग्राम नाम के चार वन है। इस प्रकार द्वीपको एक दिशा में १६ और चारों दिशाओं नन्दीश्वर द्वीप
उत्तर nि -कापसे प्रत्येक कोण पर एकएक का चार रातकर है। परन्तु पायालय वा यो रजिका
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