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________________ एक अद्वितीय जैन केन्द्र दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान 1 1284338 हस्तिनापुर (उ.प्र.) में निर्मित दर्शनीय स्थल जम्बूदीप संक्षिप्त परिचय : पिछले कुछ दशकों में राजधानी दिल्ली की उत्तर दिशा में उत्तरप्रदेश के जिला पेरत स्थित पौराणिक तीर्थ हस्तिनापुर में एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण का केन्द्र उभर कर आया है। 200 फुट के व्यास में सफेद और रंगीन पत्थरों से निर्मित जैन भूगोल की अद्वितीय वृत्ताकार रचना 'जम्बूद्वीप' द्वारा अपने आधार पर वेष्टित हल्के गुलाबी संगमरमर से निर्मित 91 फुट ऊँचे सुमेरु पर्वत की शोभा आज किसके मन को आकर्षित नहीं करती है? ___प्राचीन जैन साहित्य एवं भूगोल के परिचायक, वैज्ञानिकों के लिए शोध केन्द्र, आध्यात्मिक उन्नयन के लिए पवित्र स्थान, मानसिक शांति एवं जिनेन्द्र भगवान की पूजन-भक्ति के सम्पूर्ण साधनों तथा समस्त आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता सहित इस अनुपम तीर्थ की जनक संस्था का नाम है-दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान (रजि.)। जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिकशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी का प्रावन प्रेरणा से 1972 में इस संस्थान का सूत्रपात किया गया। दिगम्बर जैन इंस्टीट्यूट ऑफ कारमोग्राफिक रिसर्च (Digambar [36]
SR No.090075
Book TitleBhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanamati Mata
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year
Total Pages653
LanguageHindi, English
ClassificationDictionary, Dictionary, & Religion
File Size16 MB
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