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सस्थान की अन्तराष्ट्रीय स्पादि में चार चांद लगंगे।
प्रस्तुत शब्दकोश को तैयार करने में डॉ. अनुपम जैन के साथ जीवनप्रकाश जैन एवं कोमलयन्द जैन का जो सहयोग रहा है उसके लिये उन्हें यहत-बहुत आशीर्वाद है कि वे लोग इसी प्रकार जिनवाणी के प्रचार-प्रसार में सदैव योगदान देकर पुण्य अर्जन करते रहें।
इसी प्रकार कोश की याचना में संघस्थ ब्र. (कु.) स्वाति जैन (M.Sc.- Biosciences) ने भी गुरुआज्ञा को शिरोधार्य करके पूरे परिश्रम के साथ भाग लिया और अंग्रेजी के अपने लौकिक ज्ञान को धार्मिक ज्ञान के साथ उपयोग करते हुए अनेक अंग्रेजी शब्दों का प्रकरणानुसार संशोधन भी कराया है, उसके लिये मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद है कि अपने लक्ष्य में दिन दूनी - रात चौगुनी उन्नति करते हुए इसी प्रकार सदैव जिनवाणी की सेवा करती रहे ।
अनुपम जी के लिये मेरा शुभाशीर्वाद तो है ही , यह भी प्रेरणा है कि वे सन् 1980 से जिस प्रकार पूज्य माताजी के शिष्य रूप में संघ एवं संस्था के साथ जुड़े हैं उसी प्रकार सदैव गुरु आज्ञा शिरोधार्य करके संस्था को अपना सहयोग प्रदान करते रहें ।
भगवान महावीर एवं उनके मार्ग की प्रदर्शिका पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के करकमलों में इस शब्दकोश को समर्पित करते हुए असीम आनन्द की अनुभूति हो रही है। जिनधर्म की छत्रछाया एवं गुरु का वरदहस्त ही ऐसे पुनीत कार्यों की सिद्धि के लिये प्रमुख अवलम्बन होता है, उसकी सदैव प्राप्ति होती रहे इसी भावना के साथ ....
आयिंका चंदनामती
भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर नंद्यावर्त महल, कुण्डलपुर (नालंदा) 15-7-2004
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