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संघ (43) पिच्छी सहित दिनांक 27-11-87 को ग्रन्थमाला के कार्यालय पर पधारे। इतने विशाल संघ का समिति के कार्यालय पर पधारना ग्रंथमाला के इतिहास में स्वर्ण अवसर था। इस शुभावसर पर आचार्य श्री के कर-कमलों से श्री 1008 धर्मनाथ भगवान की मूर्ति विराजमान की गई। ग्रन्थमाला का कार्यालय हमारे निवास स्थान पर है अत: हमारे निजी खर्च से यह कार्यक्रम सम्पन्न करवाया। तत्पश्चात् समिति द्वारा प्रकाशित दशम् पुष्प श्री शीतलनाथ पूजा विधान (हिन्दी) का विमोचन आचार्य श्री के कर-कमलों द्वारा करवाया गया।
श्री भैरव पद्यावती कल्प:
परम पूज्य श्री 108 गणधराचार्य कुन्थुसागर जी महाराज विशाल संघ सहित वर्ष 1987 का वर्षायोग अकलूज (महाराष्ट्र) में पूर्ण धर्म प्रभावना के साथ समाप्त करके चतुर्विध संघ के साथ तीर्थराज श्री सम्मेदशिखरजी पहुँचे। ग्रन्थमाला समिति ने इस उपलक्ष्य में । 1वौं पुष्प "श्री भैरव पद्यावती कल्पः" ग्रन्थ का प्रकाशन करवाकर इस महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ का विमोचन परम पूज्य श्री 108 आचार्य सन्मार्ग दिवाकर निमित्तज्ञान शिरोमणि विमलसागर जी महाराज के कर-कमलों द्वारा दिनांक 13-3-88 को विशाल जन-समूह के मध्य प्रवचन हाल में श्री महावीरजी अतिशय क्षेत्र पर अष्टाह्निका पर्व पर करवाया। यह समारोह बहुत ही सुन्दर रहा।
सच्चा कवच
परम पूज्य श्री 108 आचार्य विमलसागरजी महाराज विशाल संघ सहित कुछ दिनों तक श्री महावीर जी अतिशय क्षेत्र पर ही विराजे। इसी बीच दिनांक 31-3-88 को श्री महावीर जयन्ति का शुभावसर आया और ग्रन्थमाला समिति ने इस शुभावसर पर 12वाँ पुष्प "सच्चा कवच' का प्रकाशन करवाकर श्री शान्तिवीर नगर, सन्मति भवन में कार्यक्रम आयोजित करके परम पूज्य श्री 108 आचार्य विमलसागर जी महाराज के कर-कमलों द्वारा इस पुस्तक का विमोचन करवाया।
श्री गोम्मट प्रश्नोत्तर चिंतामणी
ग्रन्थमाला समिति ने तेरहवें पुष्प के रूप में श्री गोम्मट प्रश्नोत्तर चिंतामणि ग्रन्ध का प्रकाशन करवाकर आरा (बिहार) में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में जन्म कल्याणक