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परम पूज्य श्री 108 सन्मार्ग दिवाकर, निमित्त ज्ञान शिरोमणि 'खण्ड विद्या धुरन्धर' आचार्य विमलसागरजी महाराज का
मंगलमय शुभाशीर्वाद
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मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि श्री दिगम्बर जैन कुंथु विजय ग्रंथमाला समिति, जयपुर (राजस्थान) से 19वें पुष्प के रूप में भद्रबाहु संहिता एवं सामुद्रिक शास्त्र करलखन का सचित्र प्रकाशन हो रहा है। इस ग्रंथ का संकलन गणधराचार्य कुंथु सागरजी महाराज ने कठिन परिश्रम से किया है। इसके लिये महाराज को हमारा आशीर्वाद है कि भविष्य में भी इसी प्रकार के महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का संग्रह करने का कार्य करते रहे। यह ग्रंथ जन-जन को उपयोगी हैं इसलिये श्रावकों का कर्त्तव्य है कि इस ग्रंथ की प्रति अपने-2 घरों में अवश्य रखें।
ग्रंथमाला समिति बहुत ही लगन व परिश्रम से कार्य करके निरन्तर ही महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का प्रकाशन कार्य कर रही है। श्री शान्ति कुमारजी गंगवाल जो कि इस ग्रंथमाला के प्रकाशन संयोजक हैं, उनकी सेवाएं अत्यन्त प्रशंसनीय है। ग्रंथमाला समिति इसी प्रकार आगे भी महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का प्रकाशन कार्य कर जिन-वाणी प्रचार प्रसार सेवा का कार्य करती रहे, इसके लिये गंगवालजी को व ग्रंथमाला के अन्य सभी सहयोगियों को हमारा बहुत-2 मंगलमय शुभाशीर्वाद है।
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. आचार्य विमल सागर