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भद्रगहु संहिता
तो और विशेषकर यदि ये दोनों रेखायें चौड़ी हों और स्वास्थ्य-रेखा हथेली के नीचे जीवन-रेखा से मिली हो तो यह दिल की बीमारी अथवा दुर्बलता का निश्चयात्मक चिह्न हैं विद्यार्थी को सदा नाखूनों को ध्यान पूर्वक देखना चाहिए। जबकि वह स्वास्थ्य-रेखा से बताई जाने वाली बीमारियों पर ध्यान देवे। हाथ में स्वास्थ्य-रेखा से बताई जाने वाली बीमारियों पर ध्यान देवे। हाथ में स्वास्थ्य-रेखा का सबसे अच्छा स्थान हथेली के नीचे है और जीवन-रेखा न हो तो छूनी चाहिए न उस तक पहुँचे ही (3-3 चित्र 19) जब स्वास्थ्य रेखा हाथ के आर-पार जाती हो और जीवन-रेखा को छूती हो या उस पर शाखाएँ जाती हों तो जो काम स्वास्थ्य को खराब करता हैं उससे कुछ बीमारी होगी जबकि अंगुलियों के नाखून छोटे तथा चन्द्रा के बिना हों और गोल हों तथा स्वास्थ्य-रेखा गहरी पड़ी हो तो उस मनुष्य के दिल की दुर्बलता अवश्य डर जायेगी। जब नाखून लम्बे तथा बादाम की शक्ल के हों तो वहाँ पर फेफड़ों की कमजोरी का डर है उसी शक्ल के नाखूनों के साथ यदि स्वास्थ्य-रेखा के व ऊपरी भाग पर द्वीप हों (4 चित्र 19) तो तपेदिक अवश्य होगी जब नाखून चपटें हों और विशेषकर गोले की शक्ल के हों और स्वास्थ्य-रेखा बहुत गहरी बनी हो तो फालिज तथा बहुत बुरी (Heroe) दिल की बीमारियाँ हो जाती हैं।
जब रेखा कहीं-कहीं बहुत लाल हो और विशेष कर जब कि यह रेखा दबी हो तो भय का बुखार रहता हैं। जब मुड़ी हुई एक-सी न हो और पीले रंग की हो तो उस मनुष्य को जिगर की शिकायत रहती हैं। जब यह दिल तथा मस्तिष्क रेखा की छूती हो और बहुत ही गहरी हो तो यह दिमाग का बुखार बताते हैं विशेषकर तब जब मस्तिष्क रेखा पर कोई द्वीप भी हो। स्वास्थ्य रेखा को देखते समय विद्यार्थी को और बाकी रेखाओं को भी देखना चाहिए और विशेषकर जीवन तथा मस्तिष्क रेखा को अवश्य देखना चाहिए। उदाहरणार्थ यदि जीवन रेखा कमजोर तथा जंजीरदार हैं तो स्वास्थ्य-रेखा का होना दुर्बल स्वास्थ्य का होना और भी बढ़ा देगी और जब यह मस्तिष्क रेखा के साथ हो और मस्तिष्क रेखा जंजीरदार तथा द्वीपों से भरी हो तो वह मनुष्य दिमाग की बीमारी तथा सिरदर्द का रोगी