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भद्रबाहु संहिता
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की बीमारियाँ रखते हैं विशेषकर अपने बाल्यजीवन में युवावस्था में भी दौरे सख्त सिरदर्द अक्सर दिमाग पर पानी और दाँतों की बीमारियाँ हो सकती है।
वृद्धावस्था में उनको सिरदर्द दिमाग की कमजोरी मृगी रोग तथा घुमेरी आदि बीमारियाँ हो जाती है और विशेषकर तब जब कि मस्तक रेखा जंजीर के समान टुकड़ों की बनी हो ऐसे मनुष्यों को राय दी जाती कि उन्हें अपने ऊपर काबू तथा आराम करना चाहिये। और सबसे अधिक शराब तथा नशीली चीजों से बचना चाहिये उन्हें और सब मनुष्यों से अधिक सोना तथा खुली हवा में व्यायाम करना चाहिये और सबसे अधिक अपने गुस्से तथा घमण्ड को वश में करना चाहिये।
ऐसे मनुष्यों में जो अपने ऊपर अधिकार कर लेते, जीवन में बड़े काम तथा अपने पीछे आने वालों के लिये बहुत से फायदे के काम कर देते हैं।
शुक्र का दूसरा उभार दूसरा उभार हृदय तथा मस्तक रेखा के बीच में होता है। और जो मनुष्य 21 अक्टूबर से 21 नवम्बर तक पैदा होते है, उनके लिये अधिक विशेष है।
स्वभाव में वे प्रथम वाले के बिल्कुल उल्टे होते है। शुक्र की सारी विशेषता होने के कारण मानसिक झुकाव मनुष्य तथा वस्तुओं की ओर होता है। ऐसे मनुष्य शारीरिक से मानसिक शक्ति अधिक रखते है दृश्यों से घृणा करते है या शारीरिक लड़ाई तथा खून खराबी में मिलना पसन्द नहीं करते है।
मानसिक लड़ाई पसन्द करते है और बहस में भी अन्त तक लड़ते है ये प्रथम वाले शुक्र के मनुष्यों से अधिक शान्त इरादे के होते है। वे अपने विचारों में अधिक दृढ़ होते है। लेकिन अपनी शयों को छुपाते है और वे प्रायः प्रतिज्ञा वाली पार्टी की ओर चलते है किन्तु वास्तव में ठीक अवसर के लिये राह देखते है जबकि वे अपने विपक्षी को "मानसिक घेराव" देकर डगमगा देना चाहते है ऐसे मनुष्य नेताओं की अपेक्षा संगठन करने वाले अधिक होते है। और उनकी मानसिक लड़ाई की शाक्ति पा लेती है जबकि मनुष्य सुशिक्षित तथा उन्नत नहीं होता है। तो अपने विचारों को पूरा करने के लिये चालाकी और हरेक प्रकार का कार्य करने को तैयार रहते है वे अपना इरादा पूरा करने में किसी भी चीज से