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हस्त रेखा ज्ञान
__ शनि की उंगली लम्बी होती है तो एकान्त प्रियता विद्याभ्यासी स्वभाव, अपने में ही रहने की इच्छा तथा बुद्धिमत्ता बतलाती हैं। जब छोटी होती है, तो सभी चीजों से गम्भीरता की कमी तथा जल्दबाजी बतलाती हैं।
सूर्या—सूर्या की उंगली जब लम्बी हो तो शीघ्रता व यश की इच्छा या सुन्दर वस्तुओं से प्रेम, लेकिन जब बहुत ही लम्बी लम्बी हो तो इच्छा बदनामी में यश पाने की ओर, धन तथा जुएँ से प्रेम की ओर झुक जाती हैं। जब छोटी होती है तो ऐसी वस्तुओं के प्रति अनिच्छा प्रकट करती हैं।
चौथी-बुध की उंगली जब लम्बी होती हैं तो मानसिक शक्ति, भाषाओं का ज्ञान, विचारों को प्रकट करने की शक्ति और विशेषकर बोलने की शक्ति बतलाती हैं। जब छोटी होती है तो बोलने में मुश्किल तथा विचारों को प्रगट करने की कठिनता बतलाती है। जबकि टेडी और असंगत मस्टक रेखा के साथ हो तो मानसिकता के लिए बुरा चिह्न हैं। उंगलियाँ हथेली के अनुपात में लम्बी होनी चाहिएँ। तब वे अधिक मानसिक शक्ति तथा ज्ञान बतलाती है। जब छोटी या ढंढ़कदार हों तो वह मनुष्य पशुत्व तथा सांसारिकता की ओर अधिक झुका रहता
उंगलियाँ जब एक-दूसरे की ओर झुकी हों तो वे जिस उंगलियों की ओर झुकी होती है उसकी विशेषताएँ भी लेती है। अंगूठा और पहली उंगली को बीच की चौड़ी जगह इच्छाओं की स्वतन्त्रता तथा निडरता प्रदर्शित करती हैं।
जब पहली और दूसरी उंगली के बीच की जगह चौड़ी हो तो विचारों की स्वतन्त्रता, तीसरी और चौथी उंगली के बीच कार्य को स्वतन्त्रता बतलाती हैं। जबकि उंगली ढीली तथा पीछे की ओर को झुकी हो तो वह मनुष्य खुले विचारों (Open Minnded) का तथा विचारों व रायों को शीघ्र पकड़ने वाला होता हैं। वे एक ही वस्तु पर चिपके रहने की प्रवृत्ति जैसे कि.दृढ़ और कड़ी उंगली रखने वाले की होती है नहीं रखतें।
__ जबकि उंगलियाँ अन्दर की ओर झुकी हों तो वह मनुष्य नये विचारों को पकड़ने में सुस्त, बहुत, चिन्ताशील तथा जो कुछ वह रखता है या जानता हैं उसी पर खड़े होने की ओर झुका होता हैं।