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भद्रबाहु संहिता
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की वस्तु नहीं जानते वे दुःखों को प्यार करने वाले होते हैं तथा झगड़े के स्वामी क्योंकि यदि एक बार उनके खून में जोश आ जाय तो फिर ठण्डा नहीं हो सकता
जे अपने लिा भी ख्रनाक होते हैं। वे अन्धों के समान खतरों में घुस जाते हैं और वे प्राय: बहुत ही बड़े दुःखों तथा घटनाओं से जा मिलते हैं और कभी-कभी भयानक मौत से भेंट करते हैं।
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चित्रसरण्या -19 वि संरण्या-17' चित्र संस-17
यह हृदय-रेखा जिह्वाकार हो, एक शाखा वृहस्पति की और तथा दूसरी अंगुलियों के बीच में हो तो यह बहुत ही खुश भली प्रकार से तुली हुई, प्रेमी प्रकृति का निशान है और प्रेम सम्बन्धी सब कार्यों में खुशी का चिह्न है।