________________
९०५
हस्त-रेखा ज्ञान
(सम्मंसगलिपव्वो) यदि अंगुलियों के पर्व भरे हुए हो अर्थात् मांसल हो तो (पुरिसो धणवं सुही सया होइ) वह मनुष्य धनवान व सदा सुखी होता है (जइसो अमसपब्वो) यदि उसकी अंगुलियों के पर्व मांसल न हो तो (ता तस्स सिरीणसंभवइ) तब उसके धन संभव नहीं होता है।
भावार्थ-यदि मनुष्य की अंगुलियों के पर्व मांसल हो भरे हुए हो तो वह व्यक्ति धनवान होता है और सदा सुखी रहता है, और उस के अंगुलियों के पर्व भरे हुए न हो तो अर्थात् मांसल न हो तो वह दरिद्र होता है उसको धन नहीं होता है। समिहिः कहते हैं कि जिसकी अंगुलियों के पोरवे लम्बे हो तो वह सौभाग्यवान व दीर्घायु होता है। और भी अंगुलियां व अंगुठे के बारे में अन्य लेखकों का अभिमत। राजेश दीक्षिन कर ऐसा कहना है॥६॥
विभिन्न प्रकार के अंगूठे
चित्र 15 अँगूठे के सम्बन्ध में प्राच्य तथा पाश्चात्य मतों का विश्लेषण ऊपर प्रस्तुत किया गया है। हमारे स्वानुभव के आधार पर विभिन्न प्रकार के अंगूठों का प्रभाव निम्नानुसार होता है
1-लम्बे, सुडौल एवं समान आकृति के अंगूठे वाला जातक चतुर, कार्य-कुशल, बुद्धिमान तथा शांति-प्रिय होता है।
2-छोटे, मोटे अथवा करूप आकृति के अंगूठे वाला जातक दुष्ट, क्रोधी उग्रस्वाभावी तथा मूर्ख होता है।