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हस्तरेखा ज्ञान
ये सुन्दर हाथ किसी भी दशा में काम करने के लिए नहीं दिखाई पड़ते । वे बहुत ही आत्मिक होते है। और जीवन संग्राम के धक्के सहने में बहुत ही कमजोर होते हैं, यदि वे दूसरों से मदद पावें या अपना ही धन रखने के लिए रखते है । तब तो ठीक है किन्तु वे बहुत ही उच्च आदर्शों तथा आत्मिक दृश्यों की झलक देखते है जबकि न किसी ने सुने न समझे है । लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उनका भाग्य दुखान्त है। और वे आसानी से ही मानवता की जरूरतों से धक्का खाकर एक ओर हट जाते है। या बहुत ही असहाय अवस्था में अपना जीवन खो देते हैं और ऐसे बेमेल लड़ाई समाप्त करते है। वे शारीरिक बनावट में भी कमजोर होते है। और इस प्रकार वे जीवन की जंग के लिए अयोग्य होते हैं।
मंगल का पटका, शनि की चक्र अंगूठी तथा मणिबन्धन
ये निशान हाथ की निम्न रेखाओं में आते हैं। लेकिन कभी-कभी सबसे बड़ी रेखाओं के समान महत्त्व रखते हैं।
मंगल का पटका वह टूटा हुआ या न टूटा हुआ अर्द्ध-वृत्त है। जो पहली अंगुली के नीचे से आरम्भ होता है। और चौथी अंगुली तक जाता है। (1-1 चित्र 20 ) |
मैंने अपने अनुभव में इस रेखा का, जैसा कि दूसरे लेखकों ने लिखा है, भारी इन्द्रिय सेवी को दिखाते नहीं देखा ।
यह याद रखना चाहिए कि मस्तक- रेखा से हाथ दो हिस्से ऊपर का तथा नीचे का बट जाता है। नीचे का हिस्सा शारीरिक या अधिक पशुता की प्रकृति तथा ऊपर का हिस्सा मानसिक या दिमाग होगा। इस सिलसिले को देखते हुए यह मंगल का पटका मंगल की प्रकृति या मानसिक दशा को प्रकट करता है।
मैंने देखा है, कि मनुष्य इस निशान को रखते हैं। वे शारीरिक इन्द्रिय सेवी की अपेक्षा मानसिक अधिक होते हैं। वे ( Sex Problemn) जाति की समस्या पर पुस्तक पढ़ना या लिखना पसन्द करते हैं। लेकिन वे अपने विचारों तथा भूमिकाओं को अभ्यास में नहीं लाते, कम से कम अपने जीवन में तो लाते ही नहीं ।
जब यह मंगल का पटका शनि के उभार से शुरू होकर बुध के उभार तक