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निमित्त शास्त्रम्
(कामो) कामदेव की प्रतिमा में उपर्युक्त चिह्न हो तो (भोगवइण) आगम की बातों की हानि होती है (किण्होपुणसठ्ठलोपणाणयरे) कृष्ण की मूर्ति के अन्दर उपर्युक्त चिह्न हो तो समस्त जाति के मनुष्यों की हानि होती है (अरहंत सिद्ध बुद्धा) और अरहंत, सिद्ध, बुद्ध की प्रतिमा के अन्दर यदि ऐसा हो तो (जईणणासंपकुवंति) यात्रियों एवं मनुष्यों का नाश होगा।
भावार्थ-यदि कामदेव की प्रतिमा से धूम सहित पसीना निकाले तो आगम की बातों की हानि होती है, कृष्ण की मूर्ति में से ऐसा होता हुआ दिखाई दे तो समझो सब जाति के मनुष्यों की हानि होती हैं और अरिहंत, सिद्ध, बुद्ध, की प्रतिमा से ऐसा दिखाई देवे तो यात्रियों एवं मनुष्यों का नाश होता है।। ८४ ।।
कच्छाइ नझेसियचडियाय पहणंतिसव्वमहिलाणं।
उपमालियाय पहणइ बाराही हणइ हत्थीणं ।। ८५॥ (नझेसिय चडियाय कच्छाई) यदि चण्डिका देवी के बालों से ऐसा होता हुआ दिखे तो (सव्वमहिलाणं पहणंति) सब महिलाओं का नाश होता है (बाराहीउपमालियायपहणइ) वाराही देवी की प्रतिमा के बालों से यदि ऐसा दिखाई दे तो (हत्थीणंहणइ) हाथीयों का नाश करती हैं।
भावार्थ- यदि चण्डिका देवी के बालों से धुआं निकलते हुऐ दिखे तो समझो स्त्रीयों का नाश होगा, वाराही देवी की प्रतिमा के सिर से ऐसा दिखे तो हाथीयों का नाश होगा ।। ८५॥
णाइणि गभविणासं करेइपठ्ठणाण णासयरो।
एदेजेसिय बुत्ताअसुदं कुब्वंति तेसुसया ।। ८६ ॥ (णाइणिगब्भविणासं) यदि नागिन की प्रतिमा से ऐसा होता हआ दिखे तो स्त्रियों के गर्भ का विनाश (करेइपठ्ठणाणणासयरो) और विशेषरीति से ज्ञान का नाश होता है (एदेजेसियबुत्ता) इस प्रकार जो कुछ भी कहा है (तेसुसया असुदं कुवंति) उन सबका फल अशुभ होता है।
भावार्थ-यदि नागिन के शरीर से ऐसा चिह्न दिखे तो स्त्रियों के गर्भ का