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पविशतितमोऽध्यायः
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से धन-नाश होता है, यदि ऊपर न गिरकर पास में गिरती है तो धन-हानि के साथ स्त्री-पुत्र एवं अन्य कुटुम्बियों को काट होता है। जी० एच० मिस र क मत से, किसी भी वस्तु का ऊपर गिरना धननाश कारक है। डॉ० सी० ज० हिटथे के मत में किसी वस्तु के ऊपर गिरने से तथा गिरकर चोट लगने से मृत्युमुल्य कष्ट होता है।
कटार.-स्वप्न में कटार के दखन से काट और नटार चलाते हए देखने से धनहानि तथा निकट युटुम्बी के वर्ष, म प्रोजन एवं पानी पेम होता है। किसी-किसी के मत ग अपने में स्वयं कटार मांकते हुए देखने : किसी ब रोगी होने के समाचार सुनाई पड़ते हैं।
कनेर -स्वप्न में कनेर के फूल वृक्ष का दर्शन करने से मान-प्रतिष्ठा मिलती है। कनेर ने वृक्ष से फूल और पत्तों को गिरना देने से किसी निकट आत्मीय की मृत्यु होती है । कनेर या फल भक्षण करना रोगसूचक है, तथा एक सप्ताह के भीतर अत्यन्त अशान्ति देने वाला होता है। मानेर में वृक्ष के नीचे बैठकर पुस्तक पढ़ता हुआ आन को देखने से दो वर्ष के बाद साहित्यिा क्षेत्र में यश की प्राप्ति होती है, एवं नय-नग प्रयोग का आविना होता है। ___किला--विल की रक्षा लिए लड़ाई को हुए देखने से मानहानि एवं चिन्ताएं; किले में नमण पारन स शारीरिक कष्टः किले के दरवाजे पर पहा लगाने में प्रेमिका से मिलन एवं मित्रों की प्राप्ति और गिन्ने के देखने मानस परदेशी वन्धु मिला होता है तथा गुन्दर स्वादिष्ट मांग भक्षण को मिलता है।
फला---स्वप्न में कला का दर्शन शुभफल दायक होता है और बल का भक्षण अनिाट पन देने वाला होता है। किसी का हाथ में जबरदस्ती वा कर खाने म मृत्यु और फेणे i र गोगा सयोग गाय कले थम्भ लगाने श घर में मांगलिक कार्य होने हैं।
केश .. Hi मुदरी नाश पावन में चम्बन क ग प्रेमि-मिलन और नाशक दान में गुकदमे में गजय पचं दैनिकः नार्यों में असफलता मिलती है। __खल–स्वप्न में किसी गुट के दर्शन करने में मित्रों से अनबन और लड़ाई करने से भिवा म प्रेम होता है। ग्ल माथ मित्रता नारने में नाना भय और चिन्ताएं उत्पन्न होती है । जल के साथ भोजन-पान करने से शारीरिता बाट, बातचीत करने से रोग और उसके हाथ ग दु लने से मनाड़ी गायों की प्राप्ति होती है। किसी-किगी के मन में या दर्शन शुग माना गया है।
खेल- -२ वप्न में वति भवने गरवारथ्य यदि पार गर्ग को न हुए देखने से याति-लान होना है। मन में अपने मात मगन में कार्य साफल्य और जय देखने स कार्य-हानि होती है। साल का प्रयान दधन ग युद्ध में भाग