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________________ पंचविशतितगोऽध्यायः 419 भौम ग्रह की स्थिति के अनुसार तेजी-मन्दी का विचार-जब मंगल मार्गी होता है, तब रूई मन्दी होती है। मेष राशि का मंगल मार्गी हो तो मवेशी सस्ते होते हैं । वप का मंगन मार्गी हो तो कई तेज होकर मन्दी होती है तथा चांदी में पटा-बढ़ी होती है। मिथुन और कर्क रागि के मामी मंगल का पाला तेजी-मन्दी के लिए नहीं है। सिंह का मंगल मार्गी होने पर एक माग तक अलमी और गले में तेजी रहती है। कन्या का मंगल मार्गी हो तो की, अलमी, गेह, तेल, तिलहन आदि पदार्थ तज होकर गन्दे होते हैं । तुला का मंगल मार्गी होने पर गजगत और कच्छ में धान्य भाव को महंगा करता है; वृश्चिक का मंगल पार्टी होने पर चौपायों में लाभ वारता है । धनु का मंगल मार्गी होने पर धान्य सस्ता करता है। मसर का मंगल मार्गी हो तो पंजाब तथा बंगाल में धान्य का भाव रोज होता है। पुम्भ का मंगल मार्गी होने पर सभी प्रकार ने धान्य ससे होते है और मीन के मंगल में भी धान्य ना भाव सस्ता ही रहता है। मेष और वपिच के बीच राशियों में मंगल के रहने पर दो मारा तक धान्य भाव तेज रहता है। जिस महीने में सभी ग्रह बकी हो जायें, उस पास में अधिक महँगाई होती है । मीन में मंगन के वक्री होने पर धान्य और की सेज; कुम्भ मे वत्री होने पर धान्य गस्त और ची, तेल आदि तेज; मबार में मंगल का वक्री होने से लोहा, मगीनरी, विशु दयन्त्र, गेहूँ, अलसी आदि पदार्थ तंज होते है। कर्क राशि में मंगल के बकी होने में गई और शलमी में घटा-बढ़ी होती रहती है। जिस राशि में मगन बनी होता है, उस राशि के धान्यादि अवश्य तेज होते हैं। माघ अथवा पाल्गुन में चरण पक्ष की । 2.3 तिथि को मंगल के बकी होने पर अन्न का गंग्रह करना चाहिए । इग गंग्रह में 15 दिनों के बाद ही चौगुना लाभ हो जाता है । जिस मास में पूर्णिमा के दिन चर्या होती है, उस मास में गेहूं, घी और धान्य चज होत हैं। वन्ध ग्रह की स्थिति से जी-मन्त्री विगर मेष रागि में त्रुध के रहने से सोना महंगा होता है। 17 दिन में गाय, बैल आदि पशु की काहानि होती है। मोती, जवाहरात भी ज होते हैं। वागशि पं. ध में मभी यसाओं में साधारण घटा-बढ़ी ; मिथुन राशि का बुध में मभी प्रकार अनाम रास्त्र; रेक के बुध में अफीम का भाव तंज होता है 1 मिह गालि के वृध में धान्य सामाव सा रहता है, खट्ट पदार्थ, देवदार तंज होते हैं और ! 8 दिन में गुन, वस्त्र, रेलवे . स्लीपर, माधारण लबाड़ी का भात्र तेज होता है । कन्या राशि में बुध रहने में छः महीन तक सोना, चीनी तग होते हैं, पश्चात मन्द हो जाता है। तुला राशि बुध में धान्य महगे, वृश्चिक राशि बुध में ची' और अफीम महगी, भानु न में अफीम महँगी, मकर के बुध में समभाव, गुमा के बध में धान्या में पटा-बही और मीन के वुध में कई अलसी मथी, लीग भी तेज होनी है। काल्गुन और आगाढ़ महीनों में बुध का उदय होने श धान्य, घी और लाल पदार्थ मंहग होत है। पूर्व में
SR No.090073
Book TitleBhadrabahu Sanhita Part 1
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorKunthusagar Maharaj
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages607
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Jyotish
File Size13 MB
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