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प्रस्तावना
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मानसिक प्रश्न में पृच्छक अपने मन की बात नहीं बतलाता है, केवल प्रतीकोंफल, पुष्प, नदी पहाड़, देव आदि के नाम द्वारा ही पृच्छक के मन की बात ज्ञात करनी पड़ती है। ___ साधारणत: तीन प्रकार के पदार्थ होते हैं--जीव, धातु और मूल । मानसिक प्रश्न भी उक्त तीन ही प्रकार के हो सकते हैं। प्रश्नशास्त्र के चिन्तकों ने इनका नाम जीवयोनि, धातुयोनि और मूलयोनि रखा है । अ आ इ ए ओ अ: ये छ: स्वर तथा क ख ग घ च छ ज झ ट ठ ड य श ह ये पन्द्रह व्यजन इस प्रकार कुल 21 वर्ण जीव संज्ञक, उ ऊ अं ये तीन स्वर तथा त थ द ध प फ ब भ व स ये दस व्यंजन इस प्रकार कुल 13 वर्ण धातु संशक और ई ऐ भी ये तीन स्वर तथा इत्र ण न म ल र ष ये लाठ व्यंजन इस प्रकार कुल 11 वर्ण मूलसंज्ञक है।
जीवयोनि में अ एक च ट त प म श ये अक्षर द्विपद संज्ञका, आ ऐ ख छठ थ फ र ष ये अक्षर चप्पद संज्ञक, इ ओ ग जड द ब ल स ये अक्षर अपद संज्ञक और ई और घ श द ध फ व ह ये अक्षर पाद संकुल संज्ञक होते हैं । द्विपद योनि के देव, मनुष्य, पक्षी और राक्षरा ये चार भेद हैं। अ क ख ग घ प्रश्नवणों के होने पर हेमशोभि; - कज : इ" प्राणों में होने पर मनुष्य योमि; त थ द ध न प फ ब भ म होने पर पशु योनि या पक्षियोनि और य र ल व श ष स ह प्रश्न वर्गों के होने पर राक्षस योनि होती है । देवयोनि के चार भेद होते हैं --पाल्पवासी, भवनवासी, व्यन्त र और ज्योतिषी । देवयोनि के वर्णो में आकार की मात्रा होने पर कल्पवासी, इकार मात्रा होने पर भवनवासी, एकार मात्रा होने पर व्यन्तर और ओकार मात्रा होने पर ज्योतिष्क देवयोनि होती है।
मनुष्ययोनि के द्वाक्षण, क्षत्रिय, वश्य, शुद्र और अन्यजय पांच भेद हैं। अ एक च ट त प य श ये गं नाह्मणयोनि संभा, आ ऐन्छ छठ य क र प ये वर्ण क्षत्रिय योनि संज्ञ; इ ओ भ ज ड द व ल रा ये वर्ण वैश्ययोनि संज्ञकई औ घ श द ध म य ह ये धर्ण गूदयोनि संज्ञक एवं च ऊ हु. ज न म अं अः ये वर्ण अन्त्यजयोनि संजक होते है। इन पाँचों योनियों ने वणों में यदि अ इ ए ओ ये मात्रा हों तो पुरुप और आ ई ऐ माताएँ हों तो स्त्री एवं उ ऊ अ: ये मायाएँ हों तो नपुंसक संज्ञक होते हैं। पुरुष, स्त्री और नपुंसक में भी आलिगित होने पर गौर वर्ण, अभिधूमित होने पर श्याम और दग्ध होने पर कृष्ण वर्ण होता है। आलिगित प्रान होने पर बाल्यावस्था, अभिनित होने पर युवावस्था और दम्ध प्रश्न होने पर वृद्धावस्था होती है। आलिगित प्रश्न होने पर सम -न कद अधिक बड़ा और न अधिक छोटा, अभिमित होने पर लम्बा और दग्धप्रश्न होने पर कुब्जा या बौना होता है।
त थ द ध न प्रश्नाक्षरो के होने पर जलचर पक्षी और प फ ब भ म प्रश्नाक्षरों के होने पर थलचर पक्षियों की चिन्ता रामझनी चाहिए। क्षग योनि के