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भद्रबाहुसंहिता
दो भेद हैं- कर्मज और योनिज भूत, प्रेतादि राक्षस कर्मज कहलाते हैं और असुरादि को योनिज कहते हैं । त थ द ध न प्रश्नाक्षरों के होने पर कर्मज और श ष स ह प्रश्नाक्षरों के होने पर योनिज राक्षसों की चिन्ता समझनी चाहिए।
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चतुष्पद योनि के खुरी, नखी, दन्ती और शृंगी ये चार भेद हैं । यदि प्रश्नाक्षरों में आ और ऐ स्वर हों तो खुरी छ और ढ प्रश्नाक्षरों में हों तो नखी, थ और फ प्रश्नाक्षरों में हों तो दन्ती एवं र और प प्रश्नाक्षरों में हों तो भृगीयोनि होती है। खुरी योनि के ग्रामचर और अरण्यचर ये दो भेद हैं । आ ऐ प्रश्नाक्षरों में हों तो ग्रामन्नर-घोड़ा, गधा, ऊँट आदि मवेशी की चिन्ता और ख प्रश्नाक्षरों में हों तो वनचारी पशु - हिरण, खरगोश आदि पशुओं की चिन्ता समझनी चाहिए ।
अपदयोनि के जलचर और थलचर ये दो भेद हैं- प्रश्नवाक्यों में इ ओ गज ड अक्षर हों तो जन्नचर- मछली, शंख, मकर आदि की चिन्ता और द ब ल स ये अक्षर हों तो सांप, मेढक आदि थलवर अपदों की चिन्ता समझनी चाहिए। पायसंकुल योनि के दो भेद है- अण्डज और स्वेदज औ ध झढ ये प्रश्नाक्षर अण्डज संज्ञक भ्रमर, पतंग इत्यादि एवं ध भ वह ये प्रश्नाक्षर स्वेदज संज्ञक - जूं खटमल आदि हैं।
धातु योनि के भी दो भेद हैं--धाम्य और अभ्राम्य । तदप व अंसन प्रश्नाक्षरों के होने पर अधाम्य धातु योनि होती है। धाम्ययोनि के आठ भेद हैंसुवर्ण, चांदी, तांबा, रांगा, कांसा, लोहा, मीमा, पित्तल । धाम्ययोनि के प्रकारान्तर से दो भेद हैं-घटित और अघटित । उत्तराक्षर प्रश्नवर्णों में रहने पर घटित और अधराक्षर रहने पर अघटित धातुयोनि होती है । घटित धातुयोनि के तीन मंद हैं- जीवाभरण आभूषण, गृहाभरण-वर्तन और नापक-सिक्के, नोट आदि। एक च ट त प य श प्रश्नाक्षर हो तो द्विपदाभरण-दो पैर वाले जीवों के आभूषण होते हैं। इसके तीन भेद हैं- देवताभूपण, पक्षि बाभूषण और मनुष्याभूषण | मनुष्याभरण के शिरयाभरण कर्षाभरण, नासिकाभरण, ग्रीवाभरण, हस्ताभरण, जंधाभरण और पादाभरण ये आठ भेद हैं। इन आभूषणों में मुकुट, खौट सीसफूल आदि शिरषाभरण; कानों में पहने जाने वाले कुण्डल, सुरिंग आदि कर्णाभरण नाक में पहनी जाने वाली लींग, बाली, 뉴 आदि नामिकाभरणः कण्ठ में पहनी जाने वाली हँसुली, हार, कण्ठी आदि ग्रीवाभरण; हाथों में पहन जान वाले कंकण, अंगूठी, सुंदरी, छल्ला, छाप आदि हस्ताभरण; जांघों में बांधे जाने वाले घुंघरू, छुद्रघण्टिका आदि जवाभरण और पैरों में पहने जाने वाले बिछुए, छल्ला, पाजेब आदि पादाभरण होते हैं । कग ङच ज टडणदन म य ल श साक्षरों के होने पर मनुष्याभरण की चिन्ता एवं ख ध छ द्वा यदध फेभर वह प्रश्नाक्षरों के होने पर स्त्रियों के
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