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चतुर्दगोऽध्यायः
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रात में मेधहीन आकाश में पूर्व या पश्चिम दिशा में इन्द्रधनुष दिखलायी देता है, तब उस प्रदेश में घोर गिक्ष पड़ता है। जब आ:शि में प्रतिध्वनि हो, तयंतुरई बी ध्यान गुमाई दे एवं आया , सालर का शब्द सुनाई पड़े तो दो महीने तर. महाध्वनि में प्रजा पीडित रहती है। आकाश में किसी भी प्रकार का अन्य उत्पात दिखलाई पड़े तो जनता को काट, व्याधि, मृत्यु एवं संघर्षजन्य दुःस्व उठाना पड़ता है।
दिन में धूलि का यरसार, गत्रि के समय मेघविहीन आकाश में नक्षत्रों का नाश या दिन में नक्षत्रों का दर्शन होना मंघर्ष. मरण, भय और धन-धान्या विनाश सूचक है । आकाश का विना बादलों के रंग-बिरंग होना, विकृत आकृति और संस्थान का होना भी अगभसूचक है। जहाँ छः गहीना तक लगातार हर महीनं उल्का दिखलाई देती है, वहाँ मनुष्य कारण होता है । सफेद और घूधर रंग की उलाएं पुण्यात्मा रह जाने वाले व्यक्तियों को बाट हुँचाती है । पंचरंगी उल्का महामारी ओर इश्वर-उधर टकरावर नाट होने वाली उल्या देश में उपद्रव उत्पन्न करती है । अन्तरिक्ष निमिमां का विचार करते समय पुश्त विद्य पात, उल्कात आदि का विचार अवश्य कर लेना चाहिए।
भूमि पर प्रकृति विश्र्धयः उत्सात दिग्युलाई पहें तो अनिष्ट समझना चाहिए। ये उत्पात जिग म्यान में दिखलाई देते हैं, अनिष्ट फल उभी जगह घटित होता है अम्य-स्त्रा का जलना, उन शब्द होना, जलने समय अग्नि से शब्द होना तथा इधन में बिना जलाये अग्नि का जल जाना अनिष्टसूचक हैं। इस प्रकार के उत्पात में पिगी आ.पीय की मृत्यु होती है। अगाय में वृक्षों में फल-फूल बा आना, वृक्षों ना मना, रोना, दुध निकलना आदि उत्पात धनक्षय, शिशुओं में गंग नथा जापग मा झगडा होने की सूचना देते हैं । वक्षों ग मद्य निकाल तो वाहनों का नाम, धिर निकालने में संग्राम, शहद नियालन से रोग, तेल निकलने में 'भय गोरगन्धित पदार्थ निकलने में पजुक्षम होता है। अंगुर मूख जाने से थी और जान का नाश, रोगहीन वृक्ष अकारण गुस्न जाग तो मना का विनाश और अलक्षय, आप ही वृक्ष खड़ा होकर उठ बेटे नो देव या गाय, समय में फल फूलों का आना प्रशासन और तामाका बिनाग, वृक्षों । ज्वाला और धुआं निकले तो मनुष्यों का क्षय होता है। वृक्षों में गाय के जैसा गन्द निकलता हुआ मुनाई पड़े तो अत्यन्त अशुभनारी होता है। इस मनुष्यों में अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती हैं, जगता में अनेक प्रकार रो अशान्ति आती है।
जमल आदि नाक काल में दो या तीन फल की उत्पनि हो अथवा दो फूल या फल दिखायी पड़ें तो जिस जगह यह घटना घटित होती है, वहां के प्रशासका का मरण होता है । गिरा सामान के खेत में यह विपिन दिखलाई पड़ता है, उमकी भी मृत्यु होती है। जिग गाँव में यह उत्पात दिखलाई पड़ता है, उस गांव में