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कायों में अपना अच्छा योगदान देते रहते हैं। श्री भरतकुमार सिंह जी पूर्णत: धार्मिक जीवन जीने वाले व्यक्ति है । व्रत उपवास पूजा पाठ जिनका प्रति दिन का नियम है । संस्थानों को प्रार्थिक सहयोग देने की भावना रखते हैं। श्री मोहन लाल जी सा काला अग्रवाल जयपुर के जाने माने चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट हैं । धार्मिक लग्न एवं समाज सेवा की भावना रखते हैं। साहित्य प्रकाशन में अत्यधिक रुचि लेते हैं। श्रीमती चमेलीदेवीजी कोठिया समाज के यशस्वी मनीषी डा० दरबारीलालजी कोठिया को धर्भपत्नी हैं। हमारे उपाध्यक्षों में पाप एक मात्र महिला सदस्या है । प्रकादमी के कार्यों से आप विशेष रुचि रखती हैं। हम प्रापकी भावनामों का हार्दिक स्वागत करते हैं। देहली के श्री शांतिप्रसाद जी सा• जैन स्वयं बड़े भारी पुस्तक व्ययसायी हैं। मापकी धार्मिक एवं साहित्यिक लगन देखते ही बनती है। बिना किमी प्रदर्शन एवं यश लिप्सा के पाप सभी को अपना प्रार्थिक सहयोग देते रहते हैं। इसी तरह श्री ललितकुमार जी जैन उज्जन के प्रतिष्ठित युवा समाज सेवी एवं कर्मठ कार्यकर्ता है तथा मालवा में अत्यधिक लोककिक है। हम : IRE: हायिक स्वागत करते हैं।
इसी तरह पालकत्ता के श्री दुलीचन्द जी सरावगी. बम्बई के श्री राज मल जी जवेरी, सागर के श्री महेन्द्र कुमार जी मलंग्या, जयपुर के श्री गणपतराय जी सरावगी एवं भावनगर के श्री भंवरलाल जी सा• अजमेरा ने अकादमी का सम्माननीय सदस्य बन कर जो सहयोग दिया है इसके लिये हम सभी महानुभावों के प्रभारी हैं।
सम्पादन में सहयोग
प्रस्तुत पुष्प के सम्पादन में राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ हीरा लाल जी माहेश्वरी, प्राराकालेज के प्रोफेसर डॉ. राजाराम जी जैन एवं भरतपुर राज्यकीय महाविद्यालय के व्याख्याता वा गंगारामजी गर्ग ने जो सहयोग एवं मार्ग दर्शन दिया है इसके लिये हम तीनों ही विद्वानों के प्राभारी है। डॉ० माहेश्वरी सा० ने तो विद्वत्तापूर्ण सम्पादकीय भी लिखा है जिसके लिये हम उनके विशेष आभारी हैं।
विद्वानों का स्वागत
श्रमृत कलश स्थित अकादमी कार्यालय में देषा विवेश के विद्वानों का स्वागत करने का प्रवसर मिलता रहता है। इस वर्ष जिन विद्वानों के विशेष रूप से अमृत कलश में पधार कार अकादमी के कार्यो को देखा, परस्था एवं अपना पाशीर्वाद
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