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बाई प्रोतामति एवं उसके समकालीन कवि
श्री नारी नयन गल्यो ।ए! ए भोट प्रारंभ (सका यवर हण्या प्रवर भागा 1401 अयरथी गला अंभ |१२॥ हय गय पार न पामीयि पि। रथ धजा लेहे कंत ।स। पाला बह तब घसमसें ।०। चतुर्विध सैन्य महंत ।स।१३।। असंत क्रीडा रमवा चल्यो ।५० जसोमती कुमार ।स। अंत: पुर प्रादर घणो । ६० साधं कुरुगाम
: राय चालनो जारणीयो 1401 पनि चाल्यो कोटयाल ।स०। प्राय बेह न तो पांजरे ।पला ते लीषं सु विसाल ।स०।१५।।
बतमांहि छि रायतणो ।१०। सात षणो प्रावास ।सा डेरो प्रागलि विस्तरयो ।101 तिहां ब्रह्म पांजर निवास ।स।।१६।
वन के फल फल
कोटवाल तय जोनंतो ।१०। अनेक तरु छि रसाल ।स। पाबा रायगा प्रावली ३५० राय अामली विसाल स०॥१७॥ कोठ करणीके कदमदी 40 लीबू साकिर लीबू 1स नीब बकायन बीजोरी 40 | फरणस फोफल में अंबु सि॥१८ः।
गति फलें फलया बड 140। गंभीर छाय अपार ।स० पील पीपर चारोली ।१०। मालामी बद्रीसार स०॥१९॥
नालकेर खजुरडी १० ताल तमाल ताल स। अखोड बदाम नागकेसरा 140 किड तर गुणमाल ।स ॥२०॥
मोगरो मालती मंदार 140 मरुना मोटा मचकुंद स. पीला फलें फूल्या चोपला 401 पाइल बलसरी द स०॥२१।।
जाई जूई जोई जूखही 140 रूपमंजरी गुणमाल ।स। केसू जासू प्रणपणी ।०। केसर टगर मुलाल ।।स० ॥२२॥ बकुल केवहो केतकी ।प० स्थल कमल प्रसोक स० । पंथीयडा पंथ देखता 1401 व्याप व्यरह करि सोक ।स०॥२३॥ ठाम ठाम घर वेलमा 1401 मंडप फूल्ल बहील्ल ।स। वेषे यरहणी हरणाली प० रह्यो अंपारि काम भील्ल सा२४॥