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का निर्णय लेकर जैन विद्वान् तैयार करने की महत्वपूर्ण योजना को विशेष बल प्रदान किया है । जैन समाज के प्रतिभाशाली होनहार छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन देने हेतु कई योजनाएं ट्रस्ट ने प्रारंभ की है । अजमेर में श्री कुंदकुंद शोध संस्थान स्थापना की परिकर ना समाच तक नाव दिशा में एल जस्लेखनीय योजना है । श्री पं. सदासुखदासजी के व्यक्तित्व एवं कर्तव्य पर स्वीकृत शोध प्रबंध पर शोधकर्ता विद्वान को 21000/- का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मानित किये जाने का ट्रस्ट ने निर्णय लिया है । जनोपयोगी संस्था श्री जैन औषधालय, अजमेर तथा श्री जैन औषधालय कोटा को फ्री औषधि वितरण हेतु प्रतिमाह 2000/- ट्रस्ट द्वारा दोनों औषधालयों को अनुदान दिया जा रहा है । विभिन्न स्थानों पर आयोजित विशेष शिक्षण-प्रशिक्षण शिविरों के संचालन हेतु भी आर्थिक अनुदान ट्रस्ट प्रदान कर रहा है। इस प्रकार ट्रस्ट वीतराग दि. जैन धर्म के प्रचारप्रसार कार्य में पूर्ण रूप से समर्पित है ।
आध्यात्मिक जगत में स्वाध्यायी जनों के आत्महित को दृष्टि में रख कर ट्रस्ट द्वारा श्री पं. सदासुख ग्रंथमाला के अन्तर्गत कविवर पं. दीपचन्दजी शाह कासलीवाल द्वारा लिखित 'अध्यात्म पंच संग्रह' का यह प्रकाशन भी इसी श्रृंखला मे एक लोकोपयोगी कार्य है । अध्यात्मरसिक तत्ववेता श्री पं. दीपचन्दजीशाह के नाम से सम्पूर्ण अध्यात्म जगत परिचित है 1
प्रस्तुत संग्रह के सम्पादन का कार्य अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वतपरिषद् के अध्यक्ष तथा हमारी समाज के मूर्धन्य मनीषी डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री के बारम्बार किए गए हमारे अनुरोधों का ध्यान में रख कर अत्यन्त श्रम पूर्वक निस्पृह भाव से किया है।
आपके द्वारा लिखित प्रस्तावना में अनेक महत्त्वपूर्ण चिन्तन योग्य तथ्यों को उजागर किया गया है । अतः ट्रस्ट आपका बहुत -बहुत आभारी है।
इस बहुमूल्य प्रकाशन की कीमत कम करने हेतु जिन दातारों ने आर्थिक अनुदान दिया है 1 (सूची अलग दी जा रही है) ट्रस्ट उनके प्रति आभार व्यक्त करता है।
हमें विश्वास है कि अध्यात्म रस के अनुप्राणित इस विशिष्ट प्रकाशन द्वारा वीतराग दि, जैन धर्म की विशेष प्रभावना होकर जन साधारण को अध्यात्म का अमृतपान करने का शुभ योग प्राप्त हो सकेगा । वर्तमान तथा भावी पीढ़ी को इस प्रकार के साहित्य से अमूल्य मार्ग-दर्शन मिलेगा।
विनीत होराचन्द बोहरा, मंत्री, वीतराग विज्ञान स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट अजमेर (राजस्थान)