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________________ (म) यदि बीमारी गम्भीर है या लक्षण रहे आते हैं, तो रोगी को शीघ्र ही मैडिकल डॉक्टर एवम् कुशल उन्नत प्राणशक्ति उपचारक से मिलने के लिए कहें। (१५) उच्च रक्तचाप (क) GS (पांच बार ) (ग) (ख) (CPT) एवम् ( Csix) 6 IG (घ) — C' L E 6 G, IB -- यदि ' के बाद यह चक्र अभी भी अति सक्रिय हो, तो IB को उसको छोटा करते हुए सामान्य करने के लिए निदेशित करें। CA को हाथ में से हटा दें। फिर केवल LC द्वारा (ङ) करें। चक्र को E IB' के समय मानसिक तौर पर निदेश दें लगभग एक तिहाई से आधा आकार तक छोटा हो Hypertension-- अध्याय १३, क्रम ८ (च) C (CPT एवम् C six ) 3 E 3 IW, IB कि वह 7b जाए। (छ) यदि उचित रूप से इलाज किया गया, तो काफी सुधार होगा। (ख) (ग) (१६) हृदय की समस्यायें तथा (१०) (क) (घ) - से Heart Problems • अध्याय १३, क्रम (२) से (७) तक GS (तीन बार ) ( Csix )' 6, C' L -- E6G, IB यदि ' के बाद भी यह चक्र अधिक सक्रिय हो, तो E IB के समय उसको छोटे होकर सामान्य तक हो जाने के लिए निदेशित करें। रत्नों को हाथों से हटा दें। 77 तथा हृदय की जांच करें। ५.५०७
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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