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(ग) चंदन की धूप अथवा अगरबत्तियां जलायें । यह रोगग्रस्त ऊर्जा को निकालने अथवा नष्ट करने के लिए है। किसी बड़े कमरे में जहां वायु का प्रवाह अच्छा हो, उपचार करें।
(घ) दिव्य आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
E
(ग) हृदय के पीछे QC अथवा हरा रत्न रखें- EADE (7, हृदय, Lu तथा समस्त शरीर )
(च)
हृदय के पीछे हरा रत्न रखना अधिक उत्तम है, क्योंकि उसका सफाई तथा घनापन खत्म करने का प्रभाव होता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी रोगी का हृदय आंशिक रूप से अवरुद्ध है, तो हरा रत्न धीरे-धीरे हृदय की धमनियों में फंसी रोगग्रस्त ऊर्जा को टुकड़े-टुकड़े करके हटा देगा |
(ज)
6 पर QC अथवा गुलाबी या हरा रत्न - EADE (6) समस्त शरीर )
(छ)
11 पर QC अथवा बैंगनी या हरा रत्न ( 11, मस्तिष्क, पिनीयल ग्रंथि) -
E (11 मस्तिष्क, पिनीयल ग्रंथि तथा समस्त शरीर )
--
E (6 तथा
10 पर अथवा अथवा बैंगनी या हरा रत्न- (10, पिनीयल ग्रंथि, E (10, पिनीयल ग्रंथि, तंत्रिका तंत्र तथा समस्त
-
तंत्रिका तंत्र ) - शरीर)
(झ)
9 पर QC अथवा बैंगनी या हरा रत्न EADE ( 9 नाक, पीयूष ग्रंथि) – E (9, पीयूष ग्रंथि अन्तःस्त्रावी ग्रंथियां तथा समस्त शरीर)
-
५.४९४
(ञ)
EADE ( 8, थायराइड
ग्रसिका नली अर्थात
8 पर QC अथवा गुलाबी या हरा रत्नग्रंथियां श्वास नली अर्थात Trachea, esophagus) - E ( 8, थायराइड ग्रंथि, श्वास नली, ग्रसिका नली तथा समस्त शरीर)