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________________ (ट) 4 पर QC --EADE ( 4, छोटी और बड़ी आंत) – E( 4, छोटी और बड़ी आंत तथा समस्त शरीर) यदि 5 बहुत गंदा है, तो 5b पर QC - EADE ( 5, प्लीहा) E (5 हल्के से, तथा समस्त शरीर)। सावधानी बरतिए। (ड) 2 पर c अथवा हरा रत्न- EADE ( 2, यौनांगों, मूत्राशय) - E ( 2, योनांगों, मूत्राशय तथा समस्त शरीर) (ढ) 1 के नजदीक पैरों के मध्य में QC - EADE ( 1 तथा समस्त शरीर) - E (1 तथा समस्त शरीर) (ण) प्रत्येक कांख (ampit) में QC - EADE (प्रत्येक कांख तथा समस्त शरीर) प्रत्येक कोहनी (elbow) के नीचे c - EADE (प्रत्येक कोहनी तथा समस्त शरीर) -- E (प्रत्येक कोहनी तथा समस्त शरीर) प्रत्येक हाथ (हथेली पर) QC - EADE (प्रत्येक हाथ तथा समस्त शरीर) - E (प्रत्येक हाथ तथा समस्त शरीर) प्रत्येक कूल्हे (hip) के बगल में QC - EADE ( कूल्हों)- E (कूल्हों तथा समस्त शरीर) (घ) प्रत्येक घुटने (knee) के नीचे- QC -- EADE (प्रत्येक घुटने के पीछे तथा समस्त शरीर)- E(प्रत्येक घुटने के पीछे तथा समस्त शरीर) दोनों तलुओं पर QC - EADE ( प्रत्येक तलुए तथा समस्त शरीर) – E (प्रत्येक तलुए तथा समस्त शरीर) रोगी को बीस मिनट या अधिक समय तक लेटे रहने दें। अधिकतर केसों में, इसका काफी शक्तिकारी अथवा चमत्कारिक अनुभव होगा। यदि रोगी को असुहावना अनुभव होता है, तो रत्नों को तुरन्त ही हटा दीजिए। उनको स्वच्छ करने तथा ऊर्जन करने की प्रक्रिया को बन्द करने के लिए निदेशित करके नमक के घोल में डाल दें। (न) ५.४९५
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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