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________________ उपक्रम (२) चार्जिंग तथा पवित्रीकरण की प्रक्रिया छह भागों में की जाती है, जो निम्नवत भाग -- १- सर्वशक्तिमान ईश्वर की सहायता के लिए प्रार्थना करना उक्त क्रम (ख) के उपक्रम (२) (२) के अनुसार रत्न/ रत्नों को रखिए 1 फिर ईश्वर से उसके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना कीजिए और मौखिक या मानसिक रूप से तीन बार निम्न निवेदन कीजिए : ___"हे सर्वशक्तिमान प्रभु, मैं आपको इस रत्न/इन रत्नों को अपने दिव्य आशीर्वाद, दिव्य स्नेह और दम, दिम जम्मासमका जर्जा और दिव्य उपचार शक्ति से चार्ज करने के लिए धन्यवाद देता हूँ। धन्यवाद सहित और पूर्ण विश्वास के साथ।" तत्पश्चात् रत्न/रत्नों की ओर देखते हुए उसे/ उन्हें मौखिक या मानसिक रूप से तीन बार निदेशित करें : "अभी इसी समय से आशीर्वाद और ऊर्जाओं को ग्रहण करिए तथा सोखिए और जब तक बन्द करने के लिए आदेश न दिया जाए, तब तक ग्रहण तथा सोखते रहिए।" कुछ मिनट तक प्रतीक्षा करें, तब भाग २ के अनुसार करें। भाग २- उच्च आत्माओं से सहायता के लिए प्रार्थना करना इसमें आध्यात्मिक गुरुओं, देवदूतों (फरिश्ते) और अन्य पवित्रात्माओं से उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना कीजिए और मौखिक या मानसिक रूप से रत्न/रत्नों की ओर देखते हुए तीन बार निवेदन कीजिए : ___ "हे आध्यात्मिक गुरुओ, उपचारक देवदतो, प्रकाश के देवो और सभी बड़े व्यक्तियो, मैं आपको इस रत्न/इन रत्नों को दिव्य आशीर्वाद, दिव्य स्नेह, दिव्य दया और दिव्य उपचारक ऊर्जा से चार्ज करने के लिए धन्यवाद देता हूँ। धन्यवाद सहित और पूर्ण विश्वास से ।"
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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