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(घ) यदि और अधिक रत्न को चार्ज नहीं करें, तो स्थिरीकरण तथा सील
करें। तत्पश्चात् वायवी डोर को काटें | (ङ) इस विधि द्वारा ऊर्जा का चार्जिग का स्तर चित्र ५.१२ में दिग्दर्शित है।
पहले
प्राणिक-श्वसन करने से पहले और बाद में रत्न
बाद में
चित्र ५.१२
(२) सूर्य, वायु तथा पृथ्वी की ऊर्जा से चार्ज करना
चार्ज किए हुए रत्न की शक्ति और अधिक बढ़ाने के लिए, उसे ऐसे स्वच्छ स्थान पर रखिए, जहां देर तक उसके रखे रहने तथा आपकी अनुपस्थिति में उसकी चोरी न हो जाए। जहां तक हो सके दिन के समय चार्जिंग करें और धूप में रखें। रत्न जमीन या घास को भी छूता रहना चाहिए। उस स्थान के नीचे कोई नाला, सैप्टिक टैंक, मुर्दा शरीर आदि नहीं होने चाहिए। यह भी सुनिश्चित करें कि वहां या तो कोई न हो अथवा बहुत थोड़े आदमी हों, अन्यथा चार्जिग सुचारु रूप से नहीं हो सकेगी। (क) रत्न की ओर देखते हुए, उसको निम्न निर्देश मौखिक या मानसिक तौर
पर तीन बार दीजिए :
५.४५४