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(ख) चन्दन की लकड़ी अथवा अगरबत्तियां जलाइए और उसके धुंए में रत्न को कुछ मिनटों तक रखिए। प्रकाश के जीवों (देवों) से मानसिक अथवा मौखिक रूप से निम्न निवेदन कीजिए ।
"हे प्रकाश के देव, आप इस रत्न को समस्त गंदी और रोगग्रस्त ऊर्जा से साफ कर दीजिए। आपके सहयोग के लिए धन्यवाद ।"
उक्त निवेदन को तीन बार दोहराइये ।
(ग)
उक्त समय के पश्चात् प्रकाश के जीवों (देवों) को मानसिक अथवा मौखिक रूप से उनके सहयोग के लिए तीन बार धन्यवाद दीजिए ।
(घ) पुनः जांच करें और ऊर्जा के क्षेत्र और गुणवत्ता का अन्तर महसूस करें।
उक्त विधि से किसी जगह को अथवा रत्न को साफ करना अधिक शक्तिशाली और शीघ्रतर है, क्योंकि सुगंधित धूप के धुएं में जो प्रकाश के जीव हैं, उनकी अपनी चेतना होती है और इसलिए वे तुरन्त ही आपके निदेशों का पालन करते हैं।
सुगन्धित धूप के धुंए से रत्न को स्वच्छ करना चित्र ५.१०
इसका चित्रण चित्र ५.१० में दिया है।
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