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यदि किसी रत्न का प्रयोग किसी गम्भीर बीमारी के उपचार में किया गया है, तो उसको साफ होने में अधिक समय लगेगा क्योंकि उसमें की ऊर्जा अत्यन्त गंदी होगी। (ख) दूसरी विधि
उक्त नमक के घोल में रत्न को आप अपने हाथ में रखते हुए पानी में डालिए। तत्पश्चात् अपनी उंगलियों से लगभग तीन मिनट तक नमक के घोल में डूबे हुए रत्न को लगातार मलिये और रत्न से गंदी ऊर्जा के निकलने की इच्छा शक्ति कीजिए अथवा मौखिक या मानसिक रूप से रत्न को (क) में वर्णित निदेश दीजिए। तीन मिनट बाद उक्त विधि से ऊर्जा निकलवाना बन्द कराकर, रत्न को बाहर निकाल लें। जब भी आप रत्न को निदेश दें, उसकी ओर देखते हुए दीजिए। इस विधि में समय की बचत हो जाती है।
यह अधिक अच्छा होगा यदि आप रत्न को स्वच्छ करने से पहले और बाद में जांच द्वारा उसका ऊर्जा का क्षेत्र ज्ञात कर लें। इन दोनों के अन्तर को महसूस कीजिए। आप पायेंगे कि रत्न को स्वच्छ करने से न केवल गंदी ऊर्जा
बाहर निकलती है, अपितु उसका प्राण ऊर्जा स्तर भी बढ़ता है। उपक्रम (२) सुगन्धित धूप का धुंआ- Incense
रत्न को स्वच्छ करने का एक तरीका सुगंधित धूप के धुंए के उपयोग द्वारा है। जब सुगंधित धूप को जलाया जाता है, तो एक विशेष प्रकार की ऊर्जा निकलती है। दिव्य दर्शन से यह देखा गया है कि यह प्रकाश के जीव (देव) हैं, जिनके विभिन्न रंग होते हैं। इनके तदनुसार (अर्थात रंग के अनुसार) गुण होते हैं। कई प्रकार के सुगंधित धूप के धुंए होते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे प्यार, धन, बुरी आत्माओं के बाहर निकालने आदि के लिए।
चन्दन की लकड़ी के धुएं से हरा रंग निकलता है, जिसका स्वच्छ करने का प्रभाव होता है। निम्न प्रक्रिया करें। (क) रत्न के ऊर्जा का क्षेत्र एवम् गुणवत्ता की जांच करें।