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________________ (६) (Quartz Crystal) एक दूधिया अथवा धुए-सा स्फटिकमणि के तुलना में अधिक शक्तिशाली होगा। गुलाब-स्फटिकमणि (Rose Quartz) अपारदर्शक होता है और एक पारदर्शक रफटिक मणि के तुलना में कम शक्तिशाली होता है, किन्तु वह गुलाबी रंग का होता है, इसलिये उसके प्राणशक्ति ऊर्जा को रोगी सुगमता से आत्मसात कर लेता है। इससे उपचार शीघ्र हो जाता है। रत्न की स्वच्छता (clarity) के अतिरिक्त, उसकी शक्ति उसके आकार तथा वह ऊर्जित है या नहीं एवम् वह पवित्रीकृत (consecrated) है या नहीं, इस पर निर्भर करती है। बड़ा रत्न छोटे के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली होगा, किन्तु यदि किसी छोट नग को यथोचित पवित्रीकृत किया जाए, तो वह बहुत अधिक शक्तिशाली हो सकता है, अर्थात बड़े रत्न से भी अधिक । नोट: ऊर्जन तथा पवित्रीकरण की प्रक्रिया आगे अध्याय २६ के क्रम संख्या (ख) व (ग) में वर्णित है। अँगूठी को चक्रों के सक्रियकर्ता के रूप में प्रयोग करनाUtilization of Ring as Chakral Activator (क) क्या आप अंगूठी पहन सकते हैं ? यदि किसी बड़े रत्न को अपने हाथ में धारण करने में असुविधा महसूस करते हैं, तो आप रत्न को अच्छी प्रकार से स्वच्छ करलें। किस प्रकार स्वच्छ करें , यह आगे अध्याय २६ के क्रम संख्या (क) में वर्णित है। अंगूठी के रत्न की गुणवत्ता बहुत अच्छी होनी चाहिए। एक २.५ ग्राम या उससे कम भार का स्वच्छ रत्न जो जवाहरात की गुणवत्ता का हो अथवा बहुत अच्छी गुणवत्ता के बहुत छोटे अर्ध-बहुमूल्य पत्थर का चक्रों पर लगभग वही सक्रियता का प्रभाव पड़ेगा जो एक १०० ग्राम के सामान्य स्वच्छ स्फटिकमणि रत्न का होगा। (ख) अंगूठी को किस उंगली में पहनें ? यह महत्वपूर्ण है कि आप रत्न की अंगूठी सही उंगली में पहनें, अर्थात अंगूठी वाली उंगली (ring finger) जो अंगूठे से तीसरे नम्बर पर होती है, में पहनें। प्रत्येक उंगली एक निश्चित चक्र से सम्बन्धित होती ५.४२७
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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