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________________ (४) (४) मौखिक निदेशात्मक उपचार- Verbal Instructive Healing (क) निदेश शब्दों द्वारा दिये जाते हैं- ये मौखिक, संचेतना (subliminal) द्वारा अथवा मन के द्वारा (telepathically) दिये जा सकते हैं। रोगी उपचार सम्बन्धी निदेश सामान्य टेप (Tape) अथवा चेतनात्मक टेप (Subliminal tape) द्वारा दिये जा सकते हैं। रोगी जब तक आवश्यक्तता हो. टेप को दिन में अनेक बार सुने। इस प्रकार के उपचार को कई नामों से सम्बोधित किया जाता है। (१) कृत्रिम निद्रा अथवा मोह निद्रा द्वारा उपचार- Hypnotherapy (२) सुझाव द्वारा उपचार- Suggestive healing (३) स्व-सुझाव द्वारा उपचार - Healing through self-suggestion स्वीकृतिकरण द्वारा उपचार- Healing through affirmation अपने शरीर या प्रभावित भाग को सम्बोधन द्वारा उपचारHealing by talking to your body or the affected part आदेश द्वारा उपचार- Healing by command डिग्री अथवा निर्णयात्मक उपचार- Healing by decreeing. ___ मौखिक निदेश में उपचारक मौखिक रूप से या मन के द्वारा रोगी की भौतिक उपचेतनात्मक बुद्धि अथवा चक्रों अथवा अंग/अंगों को निदेश देता है कि क्या करना है और ठीक होने के लिए निदेश देता है । (ख) मौखिक निदेश के उदाहरण-- (१) अग्न्याशय के मधुमेह के केस में प्राणशक्ति उपचारक रोगी का प्राणशक्ति उपचार करने के पश्चात् आज्ञा चक्र के माध्यम से पीयूष ग्रंथि को यह आदेश देता है कि वह शरीर की आवश्यक्ताओं की पूर्ति करने के लिये यथोचित मात्रा में इंसुलिन (insulin) का उत्पादन करे। (२) घाव के उपचार में उपचारक प्राणशक्ति उपचार के दौरान घाव को मन द्वारा यह आदेश देता है कि वह बन्द हो जाए एवम् ठीक हो जाए। ५.४०४
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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