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1 अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि नकारात्मक परजीवी जो इसके चक्र
की जाली में भरे होते हैं, उनके कारण बैचेनी और अनिद्रा होती है। (ङ) c (6, 9, 11) ev E ev एवं तत्पश्चात् E 6 IB (संकुचन के
लिए) (च) उपचार को सप्ताह में अनेक बार दोहराइये। यदि उपचार ठीक प्रकार
हो जाता है, तो कई बार के उपचार के बाद सुधार दिखाई देगा। ___ शीघ्र ठीक करने के लिए, बहुत ही कुशलतापूर्वक उपचार करना होगा। (छ) रोगी को अपने क्रोध का नियंत्रण करने के लिए निदेशित करिए। तीव्र
क्रोध से बचने के लिए कहिए, क्योंकि इससे चक्रों की जालियों में पंचर हो जाते हैं और उस क्रोधिक व्यक्ति की ओर हिंसात्मक नकारात्मक परजीवी आकर्षित होकर आते हैं, जो चक्रों की जालियों के ऊपर बैठ जाते हैं और छेदों के भीतर प्रवेश कर जाते हैं। ये उस व्यक्ति को क्रूर बनने एवम् भयानक कृत्य करने के लिए भी उकसाते हैं। आन्तरिक संसार में इस प्रकार के ‘पदार्थ अपने ही समान ‘पदार्थ को आकर्षित करते हैं, इसीलिए अत्यधिक क्रोध नकारात्मक हिंसात्मक परजीवियों को
आकर्षित करता है। (२१) रोगी को क्रोध पर नियंत्रण सिखाना
Teaching the Patient to regulate his Anger (क) रोगी को गहन प्राणिक श्वसन विधि सिखाइये। उसको यह श्वसन
प्रतिदिन कम से कम दस मिनट तक करने के लिए कहिये । और जब
वह चिड़चिड़ा या क्रोधित हो, तब भी करे। (ख) रोगी को निम्न प्रार्थना पर प्रतिदिन लगभग दस मिनट तक ध्यान करने
के लिए कहिए। इसका स्वच्छात्मक और शांतिदायक प्रभाव पड़ता है। हे प्रभु! अपने शान्ति का मुझे एक संयंत्र बनाइये। जहां घृणा हो, वहां मुझे प्यार बोने दीजिए। जहां अविश्वास हो. वहां विश्वास हो। जहां निराशा हो, वहां आशा हो।
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