SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 851
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जिनका केन्द्रीय भाग मटमैला लाल रंग का होता है। जो व्यक्ति अधिक धूम्रपान करते हैं, उनका तथा 11 भी प्रभावित हो जाता है। इनके नकारात्मक परजीवी मध्यम धूम्रपान व्यक्तियों के तुलना में अधिक संख्या में और बड़े आकार के होते हैं। नकारात्मक परजीवी 6f तथा 11 में अधिक संख्या में अवस्थित होते ! (क) Gs (ख) C' (समस्त गला का क्षेत्र -सामने, बगल और पीछे से) IV या ev (ग) C' (j, 8, 8') (IV या ev) / E' (IV या ev) (घ) C (6f, 6b, 7, 9, 11) (IV या ev) IE (IV या ev) --- E 7, 7b माध्यम से कर। (ङ) रोगी को धीमे-धीमे, गहरा प्राणिक श्वसन करने के लिए सलाह दें, जिससे उसे तनाव से मुक्ति मिलने में सहायता मिलेगी। (१३) मद्यपान की लत- Alcoholism इनके 6, 8 तथा 8' पर अधिक बड़े नकारात्मक परजीवी काफी गहरे में पैठे होते हैं। यह विभिन्न साइजों में होते हैं, कुछ केसों में तीन या चार इंच व्यास के होते हैं। इनका रंग मटमैला लाल होता है और यह अविकसित आकार में होते हैं। इनका उपचार धूम्रपान के रोगी की तरह ही है, किन्तु इसमें 6f पर विशेष ध्यान देना चाहिए और इस चक्र का पहले उपचार करना चाहिए । उपचारक को रोगी की प्रगति का गहन निरीक्षण करते रहना चाहिए। उपचार जब तक आवश्यक हो, करते रहना चाहिए। रोगी को अपने भावनाओं के नियंत्रण में सहायता करना अति महत्वपूर्ण है। रोगी को भी इच्छाशक्ति करनी होगी कि वह इस लत को छोड़े। यह भी अति आवश्यक है कि रोगी अपनी शराबी साथियों की संगति छोड़ दे और शराब न पीने वाले व्यक्तियों की संगति करे। किसी संस्था, विशेषकर धार्मिक संस्था से जुड़ना इस लत के छोड़ने में अति सहायक होगा। (क) Gs ५.३७९
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy