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शक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, किन्तु लगातार स्पष्ट इरादा की आवश्यकता है। स्पष्ट इरादे का तात्पर्य, स्पष्ट विचार से है कि आप क्या बनना चाहते हैं। लगातार इरादा से तात्पर्य आपका रपष्ट इरादा अथवा दृश्यीकरण से है जो आप लगातार कई महीनों तक प्रतिदिन दस मिनट तक कर रहे हैं/करेंगे। इसको करने से आप एक शक्तिशाली सकारात्मक सोच के आकार का सृजन कर सकेंगे, जिसका आप पर एक अच्छा और सहायतापूर्ण प्रभाव पड़ेगा। दृश्यीकरण के समय यदि आप प्राणिक श्वसन करें, तो अच्छा रहेगा क्योंकि इससे सोच का आकार अधिक शक्तिशाली बनेगा। आपका ध्यान सिद्धहस्त होना जरूरी नहीं है। किन्तु जब दृश्यीकरण कर रहे होते हैं, तब उस समय प्रायः मन भटक जाता है. ऐसे में मन को फिर वापस
ध्यान-दृश्यीकरण में लगाना ज्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण है। (घ) प्राणिक मनोरोग उपचारक द्वारा रोगी के उपचार की गति बढ़ाना
यह रोगी की एक सकारात्मक छवि का सृजनात्मक दृश्यीकरण करके एवम् उसके प्रति दया तथा सकारात्मक विचार और संवेदन महसूस करके किया जाता है। जब तक आवश्यक हो, सप्ताह में कई बार तथा एक दफा में पांच से दस मिनट तक उक्त दृश्यीकरण करके यह किया जाता है इसको और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए मनोरोग
उपचारक को इस दृश्यीकरण के समय प्राणिक श्वसन करना चाहिए। (१२) धूम्रपान- Smoking
उपचार के अतिरिक्त रोगी को इच्छाशक्ति करनी होगी कि वह धूम्रपान नहीं करेगा, अन्यथा उपचार अस्थायी राहत देकर फिर व्यर्थ हो जाएगा, क्योंकि रोगी के चक्र में बसे हुए नकारात्मक परजीवी उसको पुनः धूम्रपान करने हेतु उकसायेंगे।
मध्यम धूम्रपान व्यक्तियों का 6, 8 तथा 8' प्रभावित होता है। चक्रों की जालियों में दरार पड़ जाती है, जिनमें नकारात्मक परजीवी बैठे होते हैं | दिव्य दर्शन से यह छोटे आकार के नारंगी अग्नि की लपटें दिखाई देते हैं,
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