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________________ (ख) C' of ev (ग) C (समस्त गला का क्षेत्र -सामने, बगल और पीछे से) ev (घ) C' (j, 8, 8 )/E' ev (ङ) नकारात्मक सोच के आकार और नकारात्मक परजीवी 65 व 11 पर अधिक होते हैं, अतएव इनका T करिये।। C' (6f, 6b, 7, 9, 11) ev | E' ev (E 7. 7b के माध्यम से करें) (१४) नशीले पदार्थों के सेवन की लत- Drug Addiction इस लत के रोगियों के चक्रों में अवस्थित नकारात्मक परजीवियों का आकार उक्त क्रम १३ में वर्णित नकारात्मक परजीवियों के आकार से और भी बड़ा होता है और वे और भी ज्यादा शक्तिशाली होते हैं। इनका रंग मटमैला लाल होता है। इनके चक्रों में न सिर्फ दरारें होती हैं, किन्तु बड़े-बड़े छेद भी होते हैं, जिनके द्वारा नकारात्मक परजीवी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। 6, 8, 8, 9 तथा 11 में पंक्चर होता है। बड़े छेद हो जाने के कारण, रोगी को दृश्यात्मक तथा श्रवणात्मक विभ्रम (hallucination-- audio and visual) होते हैं। कान के चक्रों का भी उपचार आवश्यक होता है। यदि रोगी बेचैनी महसूस करता है ओर सो नहीं सकता, तो उसके 1 की जाली का भी उपचार करना होता है। इस लत के रोगियों के ऊर्जा शरीर में खोखलापन होता है। 1, 4, 5 और 6 में खोखलापन होता है और इससे उनके ड्रग के सेवन की तीव्र इच्छा होती है। इन चक्रों को भी साफ और ऊर्जित करना होता है। , कान के चक्र तथा bh भी प्रभावित होते हैं। इसका उपचार दो भागों में बंटा होता है। पहले भाग में चक्रों से नकारात्मक सोच के आकार, नकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक परजीवियों का निकालना एवम् ऊर्जन द्वारा चक्रों के फिल्टरों के छेदों एवम् घावों को ठीक करना एवम् सील करना, सकारात्मक सोच के आकारों का सृजन करना आदि है। दूसरे भाग में ऊर्जा के खालीपन वाले निम्न चक्रों के ऊर्जन से ड्रग सेवन को समाप्त करने के अवाञ्छनीय लक्षणों को कम करना है। ५.३८०
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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