SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 844
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (घ) रोगी के पूर्ण रूप से ठीक होने तक उपचार को सप्ताह में एक या दो बार करें। हकलाना- Stuttering (क) GS (ख) C (11, 9, 6) (iV या ev) (ग) C (8, 8') (IV या ev)/E (घ) c 7/E 7(7b के माध्यम से) (IV या ev) (घ) उपचार सप्ताह में दो बार करें। (E) विवशता और "अनियंत्रित" विवशताओं का कैसे उपचार करें - How to treat obsessions and "uncontrollable" compulsions उपक्रम (१) यह व्यक्ति मजबूरी में खाते रहने या झूठ बोलने से पीड़ित होते हैं, यानी जिनकी प्रवृत्ति खाते रहने की या झूठ बोलने की बन चुकी है- चाहे उसकी आवश्यकता हो या न हो! इनका 6 आंशिक रूप से तदका हुआ (cracked) होता है और अनेक सम्बन्धित नकारात्मक परजीवी उसमें बैठे रहते हैं। 8 तथा 8 भी प्रभावित हो जाते हैं। (क) Gs (ख) C{6, 7, 8, 8, 9, 11 ) ev-- सम्बन्धित नकारात्मक सोच के आकारों, नकारात्मक ऊर्जाओं और नकारात्मक परजीवियों के निष्कासन तथा नष्टीकरण के लिए। (ग) E (6, 7, 8, 8, 9, 11) ev - चक्र के तड़के हुए भागों की मरम्मत तथा- छेदों को सील करने हेतु और सकारात्मक सोच के आकारों के सृजन हेतु। E 7, 7b के माध्यम से करें। उपक्रम (२) जो व्यक्ति मजबूरी में चोरी करने अथवा काम करते रहना-करते रहना (चाहे इसकी जरूरत न भी हो) की आदत से पीड़ित है, उनका उक्त उपक्रम (१) में वर्णित ( 8, 8) के स्थान पर 1 प्रभावित रहता है। ५.३७२
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy