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________________ रहने के लिए निर्देशित करें अथवा वह उसको नियंत्रण करे, वरना 2 पर पुनः खोखलापन आ जायेगा। (ञ) नपुंसकता के अन्य कोई कारण हों, तो उसका भी उचित उपचार करें। (६) यौन नपुंसकता का स्व-प्राणशक्ति उपचार - Self-Pranic Treatment for Sexual Impotence (क) 1 2, 4, 6, 9, 11) -- इसको प्रतिदिन दरा से वीस मिनट तक करें। (ख) द्विहृदय पर ध्यान चिन्तन करें। काफी सुधार होने के पश्चात भी कई महीनों तक स्व-प्राणशक्ति उपचार करते रहें, अन्यथा पुनः रोगग्रस्त हो सकते हैं। (ग) यदि कर सकें तो उक्त (ख) के साथ उपरोक्त क्रम (५) में वर्णित उपचार को स्व-प्राणशक्ति उपचार के द्वारा करें, जो अधिक प्रभावी होगा। तब उक्त (क) में वर्णित उपचार की आवश्यक्ता नहीं है। निर्धारित उपचार विधि जो अध्याय २३ के क्रम ६ में वर्णित है, उसका विशेष ध्यान रखें। फोबिया तथा भावनात्मक आघात (ट्रॉमा)- Phobia and Trauma इनका विशेष वर्णन अध्याय २३ के क्रम ४ (घ) में दिया है। किस प्रकार के फोबिया के लिए, किस प्रकृति के सोच के आकारों, नकारात्मक ऊर्जा आदि की सफाई करता है, यह स्व-विवेक से निश्चित करें। (क) Gs (ख) C ( 11, 9, 6) (IV या ev)-- इसमें ev के उपयोग की सलाह दी जाती है क्योंकि / उतना प्रभावी नहीं होता। (ग) C_71 5 7 (7b के माध्यम से) (IV या ev) ~ इसके ऊर्जन के समय 7 को बड़ा होते हुए दृश्यीकृत करें। (७) ५.३७१
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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