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जब तक कि आपकी यह परिस्थति न सुधरे। जब आप तनावपूर्ण दशा को उदासीनता और वास्तविकतापूर्वक दृश्यीकृत करते हैं, तो आप चक्रों की तनावपूर्ण ऊर्जा को अपने चक्रों से आंशिक रूप में बाहर निकाल रहे होते हैं। और फिर जब आप अपने को शांति और सही कार्य करते हुए दृश्यीकृत करते हैं, तो वास्तव में आप सकारात्मक विचारों के आकारों का निर्माण कर रहे होते हैं, जो कि आपके तनावपूर्ण दशा पर सकारात्मक प्रक्रिया (Reaction) करेंगे। जब हम तनाव की बात करते हैं, तो वह हमारी एक बोझिल परिस्थिति (taxing situation) की नकारात्मक प्रतिक्रिया के अतिरिक्त और कुछ नहीं होती ।
अपने भावनाओं और मस्तिष्क को नियंत्रण और इनको शान्त करने की कुशलता बढ़ाने के लिए द्विहृदय पर ध्यान चिन्तन का परामर्श दिया जाता है।
यदि कोई तनावयुक्त, क्रोधित या चिड़चिड़ा हो, तो उस समय ठीक प्रकार की सोच मुश्किल होती है। इसमें उस समय के लिए निर्णय उनकी गुणवत्ता के लिए हानिकारक होंगे। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि काम के समय आप स्वयं प्राणिक मनोवैज्ञानिक उपचार करें अथवा अपने कार्यालय के साथी से अपने ऊपर करवायें, ताकि आपका तनाव कम हो सके तथा जिसके द्वारा उत्पादन बढ़ सके ।
(५) यौन नपुंसकता - Sexual Impotence
यह शारीरिक अथवा मानसिक / मनोवैज्ञानिक अथवा दोनों कारणों से हो सकती है। इन रोगियों के 2 पर खोखलापन होता है। प्रजनन तंत्र मुख्यतया 2 द्वारा ऊर्जित तथा नियंत्रित होता है। इसको 9 भी नियंत्रित करता है, क्योंकि वह अन्तःस्त्रावी तंत्र को नियंत्रित करता है । यह 8 द्वारा भी प्रभावित होता है, जो उच्च सृजन का केन्द्र है तथा 1 द्वारा, जो 2 को काफी मात्रा में ऊर्जित करता है ।
पुरुषों में काम चक्र शिश्न, अण्डकोष तथा प्रोस्टेट ग्रंथि को ऊर्जित करता है । अण्डकोष उसके अपने लघु चक्र और प्रोस्टेट अपने लघु चक्र तथा p द्वारा नियंत्रित होते हैं। स्त्रियों में कामचक्र बहिर्योनि, योनि शिश्न, योनि, अण्डाशय की नलियां तथा अण्डाशय को ऊर्जित और नियंत्रित करता है।
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