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उपक्रम (१) चक्र की ढाल तैयार करना
(क) प्रभावित चक्र पर ev का प्रेषण करें 1
(ख) एक ev की गेंद जो चक्र और उसके जाली को बचा रही हो, अथवा दूसरे शब्दों में एक ev की गेंद की स्थापना करें जिसके अन्दर सम्पूर्ण चक्र आ गया हो, का दृश्यीकरण करें । इस गेंद द्वारा चक्र एवम् जाली सुरक्षित हो गयी है।
(घ) मानसिक रूप से ev को सम्बोधित करते हुए निम्न प्रार्थना उससे तीन बार कहें:
"कृपया तीन दिन तक सब प्रकार के नकारात्मक सोच के आकारों, नकारात्मक ऊर्जाओं एवम् नकारात्मक ऊर्जा के परजीवियों से अमुक रोगी के अमुक चक्र की रक्षा करो। किन्तु रोगी की नकारात्मक भावनाओं, नकारात्मक सोच के आकारों, नकारात्मक ऊर्जाओं और नकारात्मक परजीवियों को बाहर निकलने से न रोका जाये एवम् सकारात्मक ऊर्जा, सकारात्मक सोच के आकारों और सकारात्मक भावनाओं को चक्र के भीतर प्रवेश करने से न रोका जाये ।"
(ङ) दो दिन के पश्चात पुनः चक्र की ढाल इसी प्रकार बनायें ।
(च) प्रभावित चक्रों, विशेष तौर पर 1, Bf, 6b, 9 और 11 पर चक्र की ढाल बनायें ।
उपक्रम (२) आभा मण्डल का कवच तैयार करना
प्रथम चरण
प्रथम विधि
(क) अपने 11 पर ध्यान केन्द्रित करें।
(ख) एक मर्करी लैम्प (Mercury Lamp) को दृश्यीकृत करें।
(ग) रोगी को अत्यन्त छोटा और उक्त मर्करी लैम्प के अन्दर स्थित हुआ दृश्यीकृत करें।
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