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उपचार करने से पूर्व, उपचारक अध्याय ४ के क्रम संख्या ५ का पालन करें। अपना ऊर्जा स्तर बढ़ायें तथा रोगी की जांच करें। शारीरिक रोगों की जांच के अलावा मनोरोगों की जांच हेतु अपने अति संवेदनशील हाथों/ उंगलियों द्वारा अपना सम्पूर्ण ध्यान करें, देखें कि चक्र कहां पर है, उसका आकार कितना बड़ा है. उसके अन्दर चक्र को जाली कहां पर है. क्या चक्र की जाली पर नकारात्मक ऊर्जा, नकारात्मक भावनाओं की सोच के आकार व उनकी प्रकृति, नकारात्मक वायवी परजीवी स्थित हैं, वे कितने बड़े हैं, हो सकता है कि कोई नकारात्मक वायवी परजीवी आपके हाथ/ उंगली को धीरे से 'काट खाये ।
उक्त जांच करके एवम् उसके परिणामों का विश्लेषण करके, आप चक्र को साफ करने की प्रक्रिया प्रारम्भ करें। यदि किसी कारणवश आप उक्त गहन जांच करने में असमर्थ रहे हों, तब भी आप आगे की कार्यवाही करें। यदि आप ev को प्राप्त करने में कठिनाई महसूस करते हैं अथवा नहीं प्राप्त कर पाते, तब v का प्रयोग करें। परमात्मा से ev प्राप्त करने के लिए एकाग्न मन से प्रार्थना करें, फिर कुछ देर प्रतीक्षा करके अपने 11 के माध्यम से प्राप्त करके ev को महसूस करें तथा 11- अथवा 11-उंगलियों पद्धति से ev का उपयोग करते हुए, ev को रोगी की ओर प्रेषित करते हुए, उससे प्रार्थना करें कि वह अमुक रोगी के अमुक चक्र के अन्तर्गत सभी उपयोग की हुई एवम् रोगग्रस्त ऊर्जाओं, नकारात्मक भावनात्मक ऊर्जा नकारात्मक सोच के आकार तथा नकारात्मक ऊर्जा के परजीवियों की सफाई करते हुए, उनको नष्ट कर दे। इसको तीन बार दोहराइये, तथा सफाई करते हुए, इन नकारात्मक पदार्थों को हाथ में लेते हुए नमक के पानी के बर्तन में फेंकते हुए उनको नष्ट होने के लिए कहें। बीच-बीच में उपक्रम (क) में दिये गये निदेशानुसार ev से वायवी रूप से हाथों/बाहों को साफ करते रहें एवम् हाथ झटकते रहें। जब आप सफाई कर चुकें, तो पुन: जांच करें कि प्रभावी सफाई हुई या नहीं। यदि नहीं, तो फिर पुनः और सफाई करें।
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