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________________ नशीले पदार्थों की लत, शराब पीने की लत, अवर्तमान पदार्थों / दृश्यों का दिखाई देना (hallucination), निराशा / मायूसी, मानसिक विकृति जिसमें दूसरे के प्रति क्रूर व्यवहार करना तथा अविश्वास करना (paranoid) है । मल्टीपिल सिन्ड्रोम (multiple syndrome), स्व-प्रकटता का अभाव, बिस्तर में मूत्र त्याग आदि । सभी रोगों में इसका उपचार आवश्यक है । 10 -- अवर्तमान दृश्यों का अवलोकन एवम् ध्वनियों का श्रवण (hallucination-both visual and audio), नशीले पदार्थों की लत मानसिक विकृति जिसमें दूसरे के साथ क्रूर व्यवहार करता है तथा अविश्वास करता है, मल्टिपल सिन्ड्रोम, आशंकितता / भयातुरता (nervousness) 11- जैसा कि उक्त 9 के केस में वर्णित है । (४) मनोरोगों की उत्पत्ति के कारण (क) नकारात्मक भावनाएं (ख) (घ) चक्रों के गलत ढंग से कार्यरत के फलस्वरूप (ग) ज्यादा भीड़ की जगह, श्मशान, कब्रिस्तान आदि से नकारात्मक सोच के आकार या नकारात्मक ऊर्जा परजीवियों का रोगी के साथ लग लेना । जीवन में असुहावने भावनात्मक अथवा हिंसात्मक आघातों के फलस्वरूप भयात्मक ऊर्जा का 6, 9 तथा 11 में भर जाना, उदाहरण के तौर पर पानी से भय, आग से भय, नीचे देखने से उत्पन्न भय, काम चेष्टा से भय तथा पुरुषों से घृणा ( महिला के साथ बलात्कार होने के फलस्वरूप ), विभिन्न प्रकार के भय / फोबिया (phobia) हो जाना, अपनी नजर में गिर जाना (poor self esteem), असुरक्षा की भावना (insecurity), सब चीजों को व्यर्थ समझना (futility), उदासीनता (indifference) की भावनाएं। 4.363
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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