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________________ (य) रोगी को उपरोक्त उपक्रम (४) तथा उपक्रम (५) में दिये गये निदेशों का पालन पालो के लिए कहें। (र) उपरोक्त प्रकार की उपचार विधि द्वारा कैंसर रोगी को निम्न लाभ प्राप्त होंगे। (१) कई उपचार के बाद तीव्र दर्द धीरे-धीरे कम होगा। (२) उसका ऊर्जा स्तर बढ़ेगा और कई उपचार बाद, वह पहले से ताकतवर महसूस करेगा। उसकी भूख बढ़ेगी। यदि कैंसर कोशिकाओं का विकास नहीं रुका, तो विकास कम ' हो जायेगा। कैंसर की कोशिकाएं धीरे-धीरे और आंशिक रूप से नष्ट हो जायेंगी। (६) जो जीवन के अन्तिम समय में आ चुके हों, वह शालीनता तथा शांति से मर सकेंगे। (ल) कई कैंसर के रोगियों का निम्न कारणवश उपचार नहीं हो सकता : (१) शक्तिशाली दवाओं द्वारा रोगी के शरीर को बुरी तरह क्षति पहुंची हो। (२) कैंसर की कोशिकायें काफी फैल चुके हों। रोगी का शरीर अत्यन्त कमजोर हो गया हा और उसकी प्राणशक्ति ऊर्जा के अवग्रहण करने तथा शरीर के अन्दर रखने की क्षमता काफी ज्यादा कम हो गयी हो। कुछ अंग बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गये हैं और उनकी मरम्मत नहीं हो सकती। (५) रोग का मूल कारण कार्माण कारणों से हो। ८.३३१
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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