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(ग) इनके कारण मुख्य चक्रों का गलत ढंग से परिचालन होता है, जिसके
कारण-शरीर के प्रतिरक्षात्मक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। (घ) मुख्य चक्रों के गलत ढंग के परिचालन के कारण ठीक होना प्राय: नहीं
होता। स्वस्थ शरीर को स्वस्थ चक्रों की आवश्यक्ता होती है। उक्त नकारात्मक भावनाओं के स्थान पर सहनशीलता, क्षमा, शांति, प्रसन्नता या खुशी, दया, स्नेह, मृदुता, आशा और इसी प्रकार की सकारात्मक भावनायें होनी चाहिए। बहुत सी सकारात्मक भावनाएं गुलाबी रंग की ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जो एक प्रकार की भावनात्मक प्राण ऊर्जा है। गुलाबी रंग की ऊर्जा का चक्रों एवम मैरिडियनों पर सफाई करने का प्रभाव पड़ता है। दिव्य दर्शन से देखा जाता है कि गुलाबी ऊर्जा द्वारा चक्रों एव् मैरिडियनों की लाल गंदी ऊर्जा हटायी
और परावर्तित की जाती है। चक्रों और मैरिडियनों की सफाई के फलस्वरूप प्राणशक्ति ऊर्जा स्वतंत्र रूपसे प्रवाहित होती है, जिससे चक्र सामान्य हो जाते हैं तथा शरीर स्वतः ठीक होने की योग्यता बढ़ती है।
___ कस्तूरी तथा गुलाब के तेल में काफी गुलाबी रंग की ऊर्जा होती है, जिनको रोगी ले सकता है। चूंकि अधिकतर रोग नकारात्मक भावनाओं द्वारा होते हैं, अतएव भविष्य में कस्तूरी और गुलाब के तेल द्वारा भावनाओं को सामान्य करने एवम् औषधि के काम में प्रयोग करने की सम्भावना हो सकती है। गुलाबी ऊर्जा का एक अन्य स्रोत गुलाबी रंग का क्वार्ट्ज़ (Rose Quartz) है। स्वच्छ Rose Quartz को स्वच्छ पानी में कई घंटे तक रखकर, पानी को गुलाबी रंग की ऊर्जा से ऊर्जित किया जा सकता है। कैन्सर के रोगियों को यह सलाह दी जाती है कि वे रत्नों (Crystals) खास तौर पर हीरे (Diamond) न पहनें, न बड़े नगों के पास रहें, क्योंकि ये निचले चक्रों को अधिक सक्रिय करते हैं, जिससे रोगी की दशा खराब हो जाती है।
नकारात्मक भावनाओं को न होने देना तथा सकारात्मक भावनाओं का रखना कैन्सर तथा अन्य गम्भीर प्रकार के रोगों के उपचार में परमावश्यक है। नियमित तौर पर अथवा प्रतिदिन द्विहृदय