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________________ । 6 तीव्र केस में बहुत ज्यादा सक्रिय तथा कम तीव्र केस में इतने अधिक ज्यादा सक्रिय नहीं होते। तीव्र कैंसर का पहले से पता लगाना मुश्किल होता है। कैंसर का स्रोत भौतिक, वायविक, भावनात्मक या कार्माण अथवा इनमें से एक या अधिक कारणों से होता है। नकारात्मक भावनायें जैसे क्रोध, नाराजगी अथवा घृणा के द्वारा 6 अधिक सक्रिय होता है, जिसके कारण 1 तथा 3 अधिक सक्रिय हो जाते हैं । इस कारण से एक लम्बे समय में कैन्सर बन सकता है। उदाहरण के तौर पर अति धूम्रपान तथा लम्बे समय तक नकारात्मक भावनाओं द्वारा फेंफड़ों का कैंन्सर हो सकता है। यह प्रतीत होता है कि लम्बे समय तक नकारात्मक भावनायें जैसे क्रोध, नाराजगी या घृणा, कैन्सर बनने का प्रधान कारण होता है। यदि कैन्सर नकारात्मक कार्माण कारणों से है, तो उसको ठीक करना बहुत मुश्किल है। नकल कर्मों की प्रकृति भौतिक क्रूरता होती है। उपचार करने के लिए, दूसरों को वास्तविक या प्रतिभासात्मक आघातों के लिए क्षमा करने की आवश्यक्ता होती है। क्षमा करने से लम्बे समय तक पनप रही नकारात्मक भावनायें बाहर निकल जाती हैं, इसलिये वह उपचारात्मक होता है। दूसरों की ओर अपनी ओर और सामान्य तौर पर जीवन की ओर, रोगी को प्रवृत्ति बदलने की आवश्यक्ता होती है । बजाय घृणा करने के मिष्ट और स्नेहमयी बजाय अति आलोचनात्मक होने के सहनशीलता और प्रशंसात्मक, बजाय अधिक लालची तथा अधिक स्वार्थी होने के अधिक संवेदनशीलता तथा देने की भावना, बजाय नाराजगी तथा बदले की भावना के दूसरों को समझने तथा क्षमा करने और बजाय निराशात्मक तथा हतोत्साहता के प्रसन्नता तथा आशावादी प्रवृत्ति के द्वारा । कैन्सर के उपचार में कई प्रकार के उपक्रम करने होंगे जो निम्न हैं: उपक्रम (१) - उचित मैडिकल उपचार - उचित मैडिकल उपचार क्या है, यह वैज्ञानिकों, मैडिकल डाक्टर और रोगी निर्णय करें। प्रत्येक रोगी को किस प्रकार का उपचार लेना है, उसको चुनने 0.300
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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