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(२)
(घ) C1 G-01 Ew (ड) C' (AP) G~01 E IB (स्थानीय करण के लिए), IG, 10 ... यदि (AP)
नाजुक हो तो इसके स्थान पर, C (AP) eVIE ev करें। (च) जब तक आवश्यक हो, उपचार को सप्ताह में दो या तीन बार करें। कैन्सर-सामान्य- Cancer-General
कैंसर के रोग में 1 तथा 3 अति सक्रिय, खालीपन से युक्त और गंदी पीली-लाल या गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जा से भरे होते हैं, 6 अति सक्रिय, घनेपन से युक्त और गंदी पीली-लाल या गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जा से भरा होता है और 7 तथा 9 कम सक्रिय, खालीपन से युक्त और गंदी लाल --पीली या गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जा से भरे होते हैं |
साधारणतया, ऊपर के चक्र कम सक्रिय तथा खालीपन से युक्त होते हैं। यदि 9 तथा 7 को सामान्य कर दिया जाये, तब अन्य प्रभावित चक्र धीरे-धीरे सामान्य हो जाते हैं। प्रभावित अंग से सम्बन्धित चक्र अधिक सक्रिय होता है और गंदी लाल-पीली या गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जा से भरा होता है। यदि फेंफड़े प्रभावित होते हैं, तो 7b अधिक सक्रिय हो जाता है। यदि मस्तिष्क प्रभावित होता है, तो 9 तथा bh अधिक सक्रिय हो जाते हैं |
दिव्य दर्शन से देखा गया है कि कैंसर वाले अंग अथवा उसका भाग गंदी पीली-लाल या गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जा से भरा होता है। प्रभावित क्षेत्र में गंदी पीली और गंदी लाल रोगग्रस्त ऊर्जायें बहुत अधिक मात्रा में होती हैं, जिनके कारण कैंसर की कोशिकायें उग्र व अनियंत्रित गति से विकसित होती जाती हैं। जितनी ज्यादा गंदी पीली रोगग्रस्त ऊर्जा होती हैं, उतनी ही विकास की गति तीव्र होती है। यदि प्रभावित क्षेत्र में बहुत थोड़ी ही गंदी पीली रोगग्रस्त ऊर्जा अथवा बिल्कुल ही नहीं होती, तब कैंसर कोशिकाओं का विकास धीमा होता है। तीव्र कैंसर में प्रभावित चक्र और अंगों में गंदी पीली रोगग्रस्त ऊर्जा ४० से ६० प्रतिशत, आंशिक तीव्र (partially acute) कैंसर में २० से ४० प्रतिशत और कम तीव्र (rmild) कैंसर में ० से २० प्रतिशत होती है। 1,3 और