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________________ अध्याय २२ ऊर्जा द्वारा शारीरिक रोगों का उपचार - उन्नत तकनीक तथा रंगीन ऊर्जा द्वारा उपचार - गिल्टी / गांठ (ट्यूमर) और कैंसर Tumours and Cancer (9) साध्य ट्यूमर - Benign Tumour ट्यूमर साध्य होते हैं अथवा हानिकर होते हैं। कैन्सर एक हानिकर ट्यूमर है । कोशिकाओं के कई गुना हो जाने में प्राणशक्ति की जरूरत होती है। यदि कोई अंग या उसका हिस्सा गंदी लाल ऊर्जा से लम्बे समय तक भरा रहता है तो उससे कोशिकाओं की असाधारण विकास या ट्यूमर हो जाने की प्रवृत्ति हो जाती है। दिव्य दर्शन से प्रभावित अंग या उसके भाग पर घनी गंदी लाल रंग की ऊर्जा दिखाई पड़ती है। साध्य (benign) ट्यूमर में 9 तथा 6 अधिक सक्रिय होते हैं और घनेपन तथा रोगग्रस्त गंदी लाल ऊर्जा से भरे होते हैं। 1 अधिक सक्रिय होता है, इस पर ऊर्जा का घनापन या खालीपन रहता है तथा रोगग्रस्त गंदी लाल ऊर्जा से भरा होता है । ट्यूमर का भौतिक, वायविक या भावनात्मक स्त्रोत होता है। बहुत कम केसों में, ची-कुंग विद्या के गलत अभ्यास द्वारा भी लम्बे समय में ट्यूमर हो सकता हैयह वायविक ट्यूमर का उदाहरण है। नकारात्मक भावनाओं का लम्बे समय तक रहने के कारण, शरीर के कुछ भागों में प्राणिक घनापन हो सकता है, जिससे एक लम्बे समय में कोशिकाओं का असाधारण विकास हो सकता है। (क) GS (२) (ख) C9G-V/ Eev (ग) (C" 6, CL) GO/ E 6 GVB ५.३२०
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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