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________________ नपुंस्कवेद (नोट्सपाय! (६) (-२५) कुल योग -अन्तराय दानान्तराय, लाभान्तराय, भोगान्तराय, उपभोगान्तराय, वीर्यान्तराय अघातिया -वेदनीय - साता वेदनीय, असातावेदनीय -आयु ___ - नरकायु, तिर्यगायु, मनुष्यायु, देवायु -नाम नरकगति, तिर्यञ्चगति, मनुष्यगति, देवगति, एकेन्द्रिय जाति, द्वीन्द्रिय जाति, त्रीन्द्रियजाति, चतुरिन्द्रियजाति. पञ्चेन्द्रियजाति, औदारिक शरीर, वैक्रेयिक शरीर, आहारक शरीर, तेजस शरीर, कार्माण शरीर, औदारिकांगोपांग, वैक्रेयिकांगोपांग, आहारकांगोपांग, निर्माण, औदारिक शरीर बंधन, वैक्रेयिक शरीर बंधन, आहारकशरीर बंधन, तैजसशरीर बंधन, कार्माणशरीर बंधन, औदारिकसंघात, वैक्रयिकसंघात, आहारकसंघात, तैजससंघात, कार्माणसंघात, समचतुरस्त्र संस्थान, न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थान, स्वातिसंस्थान, कुब्जक संस्थान, वामनसंस्थान, हुण्डकसंस्थान, वज्रवृषभनाराच संहनन,वजनाराचसंहनन,नाराचसंहनन, अर्धनाराचसंहनन, कीलितसंहनन, असंप्राप्तसृपाटिकासंहनन, स्निग्ध स्पर्श, रूक्ष स्पर्श, शीत स्पर्श, उष्ण स्पर्श, मृदु स्पर्श, कठोर स्पर्श, लघु स्पर्श, गुरु स्पर्श, आम्ल
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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