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(च) यदि मूत्र मार्ग (Urethra) प्रभावित हो, तो c2 GO/ EIB, G. I0 (छ) अगले कई दिनों तक, दिन में कई बार उपचार करें। यदि उपचार सही तौर
पर हो गया, तो रोगी को काफी आराम मिल सकेगा और पहले ही उपचार
के बाद मूत्र त्याग पहले से बेहतर कर सकेगा। द्वितीय- चूंकि यह समस्या पुनः हो सकती है, इसलिए यह ज्यादा अच्छा होगा कि रोगी नियमित, समस्या को रोकने वाला (Preventive) उपचार लेता रहे, जो निम्नवत
(क) GS (२) (ख) C" 6, I E GB/c (ग) c3 (घ) c KG ~0/ E GOR (ङ) उपरोक्त (प्रथम) (ङ) के अनुसार (च) नियमित रूप से महीने में एक बार यह उपचार करें। मूत्र त्याग को उत्तेजित करना - Simulating Urination (क) c 3 (ख) CKG~0/E COR (ग) उक्त क्रम (४) (प्रथम) (ङ) के अनुसार गुर्दो का पुनर्निर्माण- Regenerating the Kidneys प्रथम- यह पाया गया है कि उन रोगियों में जिनके गुर्दे धीरे-धीरे काम बन्द कर रहे होते हैं, लम्बे समय की नाराजगी आदि होती है। 6 पर घनापन होता है। 6 से आंशिक गंदी लाल ऊर्जा K को जाती है। लम्बे समय में, K गलत ढंग से कार्य करने लगते हैं। वायवी तौर पर L तथा प्लीहा गंदे होते हैं।