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(ज) 05- इसका E न करें। (झ) 1 - इसका E न करें। (ज) c (समस्त बांह तथा पैर, a e, H, h, k, S)/ Eta, e. H, h, k.
S)V- इस प्रक्रिया को दिन में एक बार से अधिक न करें। ES द्वारा 1 का बगैर अधिक सक्रियता के E होगा। लथा में प्रेषित की गयी प्राणशक्ति
का स्थिरीकरण न करें। (ट) c (8, 9, 10, 11) / E Gv (ठ) इस उपचार में चरण (ख) तथा (ग) पर विशेष ध्यान दें। (ड) जब तक रोगी ठीक न हो जाये, उपचार को दोहरायें। गुर्दो के पत्थर- Kidney Stones प्रथम- कई केसों में मैडिकल दृष्टिकोण से इनका कारण अज्ञात रहता है। 6 पर आमतौर पर घनापन होता है। 6 से आंशिक रूप से यह घनी ऊर्जा K को जाती
(क) C' 3 (ख) C" 6, IE GB रंग) C' ( प्रभावित K )G-0 तथा c मूत्रवाहिनी नली (Ureter), यदि वह
प्रभावित हो तो पत्थरों को धीरे-धीरे तोड़ने हेतु, E (प्रभावित K) IB, IG, 10- नीला स्थानीयकरण, तथा हरा और नारंगी पत्थरों को घोलने या तोड़ने हेतु है। इसके अतिरिक्त यदि मूत्रवाहिनी नली प्रभावित हो, तो उस पर भी E IB,
G, O (ङ) EK के बाद, रोगी को पिछले सिर के क्षेत्र में थोड़ा सा दर्द महसूस हो
सकता है। इसके लिए C' (3, bh, समस्त रीढ़ की हड्डी)– जब तक रोगी को आराम न महसूस हो। यदि आवश्यक हो, तो E 3 B द्वारा 3 को संकुचित करें।
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